नयी दिल्ली/तिरुवनंतपुरम, 11 फरवरी कर्नाटक में स्कूलों तथा अन्य शैक्षणिक प्रतिष्ठानों में हिजाब पहनने को लेकर जारी विवाद के बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शुक्रवार को कहा कि अगर इस्लाम के इतिहास पर गौर किया जाए तो महिलाओं के पर्दा करने से इनकार करने के उदाहरण रहे हैं।
वह पड़ोसी राज्य में चल रहे हिजाब विवाद पर अपने रुख के संबंध में एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
हालांकि, उन्होंने खुलकर अपनी राय जाहिर नहीं की लेकिन अपनी बात रखने के लिए एक युवा महिला की कहानी सुनाई, जो पैंगबर की रिश्तेदार बतायी जाती है।
खान ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं आपको एक बात बताऊंगा...एक युवा लड़की, जो पैगंबर के घर में पली-बढ़ी थी... वह पैगंबर की पत्नी की रिश्तेदार थीं। वह काफी सुंदर थी...इतिहास यही कहता है...इसे पढ़िए।’’
कहानी के हवाले से उन्होंने कहा कि मध्यकाल में जब उस महिला का पति कूफा का गवर्नर था तो उसे हिजाब न पहनने के लिए फटकार लगायी गयी थी। उसने तब कहा था कि अल्लाह ने उसे खूबसूरत बनाया और अल्लाह ने उस पर खूबसूरती की मुहर लगा दी थी।
खान ने कहा, ‘‘उसने कहा कि मैं चाहती हूं कि लोग मेरी सुंदरता देखे और मेरी सुदंरता में अल्लाह का रहम देखे...और अल्लाह का शुक्रगुजार रहे...इस्लाम की पहली पीढ़ी की महिलाओं की यह सोच थी। मैं यही कहना चाहता हूं।’’
इस बीच, राज्यपाल ने राज्य के लोकायुक्त कानून में संशोधन के वाम सरकार के अध्यादेश पर हस्ताक्षर पर भी स्पष्टीकरण दिया। विपक्षी दल कांग्रेस ने इसके लिए उनकी कड़ी आलोचना की है।
खान ने कहा कि यह विधेयक तीन सप्ताह से अधिक वक्त तक उनके पास रहा। उन्होंने कहा कि यह निर्वाचित सरकार और उनकी जिम्मेदारी थी। इस मामले पर उनकी अपनी राय हो सकती है लेकिन विधेयक में संविधान के विरुद्ध कुछ भी नहीं मिला और इसलिए उन्होंने हस्ताक्षर कर दिए।
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