नयी दिल्ली, छह अक्टूबर भारत में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत ऊंचे कर जैसी बाधाओं के कारण कार्बोनेटेड शीतल पेय खंड को अपनी क्षमता तक पहुंचने में बाधा का सामना करना पड़ रहा है।
आर्थिक शोध संस्थान इक्रियर की एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष देते हुए कहा गया कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी सरकार की पहल के बावजूद ऐसा हो रहा है।
चीनी-मीठे पेय पदार्थों (एसएसबी) पर विभिन्न देशों में करों के तुलनात्मक आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में 2023 तक कार्बोनेटेड शीतल पेय (सीएसडी) पर कुल कर दर 40 प्रतिशत थी।
विश्व बैंक द्वारा तैयार इन आंकड़ों के मुताबिक, भारत सबसे अधिक कर दरों वाले देशों में शामिल है।
‘भारत में कार्बोनेटेड पेय उद्योग: वृद्धि, नवाचार और निवेश को बढ़ावा देने के A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%AE%E0%A4%A4%E0%A4%BE+%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%B0+%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82+%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A7%E0%A4%95+%3A+%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AA%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9F https%3A%2F%2Fhindi.latestly.com%2Fagency-news%2Fhigh-taxes-on-carbonated-soft-drinks-segment-hindering-capacity-expansion-reportr-2337288.html',900, 600)" title="Share on Whatsapp">