नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें एक शिक्षक ने उसे कोविड टीकाकरण के लिए दबाव नहीं डालने देने का निर्देश विभाग को देने का अनुरोध किया है। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि वह कुछ बीमारियों से ग्रसित है और टीका लगवाने से उसकी मेडिकल स्थिति बिगड़ सकती है।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा और मामले को अगले साल फरवरी में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में तैनात शिक्षक ने दिल्ली सरकार के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें 15 अक्टूबर तक सभी स्कूल कर्मियों को टीके की खुराक लेना अनिवार्य किया है और कहा गया है कि ऐसा करने में विफल रहने पर उन्हें स्कूल में प्रवेश की अनुमति नहीं रहेगी। साथ ही उनकी अनुपस्थिति को छुट्टी की तरह माना जाएगा।
याचिकाकर्ता ने कहा कि वह वर्ष 2018 से हाथ में मासपेशियों के संकुचन संबंधी बीमारी से पीड़ित है। इलाज कराने पर उसे एलोपैथिक उपचार से कोई सुधार नहीं हुआ और इसके बजाय उसकी हालत बिगड़ गई।
याचिकाकर्ता ने कहा कि स्कूल के प्रमुख ने उसे 31 अगस्त को कारण बताओ नोटिस दिया, जिसमें अब तक टीकाकरण नहीं करवाने का कारण पूछा गया।
याचिकाकर्ता ने स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का हवाला देते हुए टीकाकरण से छूट की मांग की।
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