देश की खबरें | उच्च न्यायलय ने तबलीगी नेता मौलाना साद के मामले को एनआईए को सौंपने संबंधी याचिका खारिज की

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद के खिलाफ दर्ज एक मामले की जांच को दिल्ली पुलिस से एनआईए को स्थानांतरित करने के निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। मार्च में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए बड़ी सभाएं करने पर रोक लगाए जाने के निर्देश का उल्लंघन कर मरकज में सम्मेलन आयोजित करने के आरोप में साद पर मामला दर्ज किया गया था।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद के खिलाफ दर्ज एक मामले की जांच को दिल्ली पुलिस से एनआईए को स्थानांतरित करने के निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। मार्च में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए बड़ी सभाएं करने पर रोक लगाए जाने के निर्देश का उल्लंघन कर मरकज में सम्मेलन आयोजित करने के आरोप में साद पर मामला दर्ज किया गया था।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने इस याचिका को खारिज कर दिया।

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पीठ ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता के वकील यश चतुर्वेदी इस छूट के साथ यह याचिका वापस लेना चाहते हैं कि वह उच्चतम न्यायालन में इसी तरह की एक लंबित याचिका को आगे बढ़ाना चाहते हैं। पीठ ने उनको इसकी अनुमति देते हुए याचिका को खारिज कर दिया।

पीठ ने कहा कि जब उच्चतम न्यायालय में भी इसी तरह की याचिका दायर की गई है, ऐसे में इसे यहां लंबित नहीं रखी जा सकती है।

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मुंबई के वकील घनश्याम उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में एनआईए को समयबद्ध तरीके से मामले की जांच करने और उच्च न्यायालय द्वारा जांच की निगरानी करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

याचिका में यह आरोप लगाया गया कि दिल्ली पुलिस काफी समय गंवाने के बावजूद तबलीगी नेता को गिरफ्तार करने में विफल रही है।

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 31 मार्च को निज़ामुद्दीन पुलिस थाने के प्रभारी की एक शिकायत पर साद समेत सात लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी।

प्रवर्तन निदेशालय ने साद, जमात और अन्य से जुड़े ट्रस्ट के खिलाफ धन शोधन का मामला भी दर्ज किया है।

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