नयी दिल्ली, 29 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को आप सरकार से उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) को उसके छह अस्पतालों में रेजीडेंट डॉक्टरों के वेतन का भुगतान करने के लिए आवश्यक निधि जारी करने के निर्देश दिए।
उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को कागजी काम पूरा होने का इंतजार किए बिना एनडीएमसी को आठ करोड़ रुपये की निधि 15 दिनों के भीतर जारी करने को कहा ताकि रेजीडेंट डॉक्टरों के वेतन का भुगतान किया जा सकें।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने कहा कि रेजीडेंट डॉक्टरों को नियमित तौर पर वेतन नहीं मिलता और इसके बजाय उन्हें वजीफा या पारिश्रमिक दिया जाता है जिसका उन्हें भुगतान करने से इनकार नहीं किया जाना चाहिए।
पीठ ने स्पष्ट किया कि जारी की जाने वाली निधि एनडीएमसी के छह अस्पतालों में रेजीडेंट डॉक्टरों के पारिश्रमिक का भुगतान करने के लिए ही होनी चाहिए।
उसने एनडीएमसी को दिल्ली सरकार द्वारा दिए जाने वाले आठ करोड़ रुपये के संबंध में सभी कागजी काम पूरे करने के निर्देश दिए और आगाह किया कि औपचारिकताएं पूरी करने में नाकाम रहने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उच्च न्यायालय अपनी ही एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है जो उन खबरों पर आधारित है कि कस्तूरबा गांधी अस्पताल के डॉक्टरों ने इस्तीफा देने की धमकी दी है क्योंकि उन्हें इस साल मार्च से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है।
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