देश की खबरें | हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका पर छह महीने में नहीं की सुनवाई, न्यायालय ने दी अंतरिम राहत
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने बिहार में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में आरोपी 72 वर्षीय शख्स को यह देखते हुए गिरफ्तारी से चार हफ्ते की अंतरिम सुरक्षा प्रदान कर दी कि पटना उच्च न्यायालय द्वारा उसकी अग्रिम जमानत याचिका पर छह महीने से सुनवाई नहीं की गई है।
नयी दिल्ली, आठ सितंबर उच्चतम न्यायालय ने बिहार में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में आरोपी 72 वर्षीय शख्स को यह देखते हुए गिरफ्तारी से चार हफ्ते की अंतरिम सुरक्षा प्रदान कर दी कि पटना उच्च न्यायालय द्वारा उसकी अग्रिम जमानत याचिका पर छह महीने से सुनवाई नहीं की गई है।
याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि अग्रिम जमानत की याचिका क्रमांक 3076 पर सूचीबद्ध है और उच्च न्यायालय द्वारा सुनवाई में “बहुत लंबा समय” लगेगा।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने याचिकाकर्ता के खिलाफ चार हफ्ते तक कोई कठोर कदम नहीं उठाने का निर्देश देते हुए उच्च न्यायालय से चार सप्ताह के अंदर उसकी अग्रिम जमानत याचिका का निस्तारण करने का अनुरोध किया।
पीठ ने कहा, “हम याचिकाकर्ता को राहत देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत इस याचिका पर विचार करने के लिए राजी नहीं हैं क्योंकि अग्रिम जमानत के लिए यह आवेदन उच्च न्यायालय में लंबित है।” पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना भी शामिल थे।
पीठ ने याचिका को निस्तारित करते हुए कहा, “हालांकि, याचिका पर क्योंकि बीते छह महीनों से विचार नहीं किया गया है इसलिये हम यह निर्देश देते हुए याचिकाकर्ता को अंतरिम संरक्षण प्रदान करते हैं कि आज से चार हफ्तों की अवधि के लिये उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा।”
शीर्ष अदालत ने कहा कि निजी फर्म के अध्यक्ष-सह निदेशक की अग्रिम जमानत याचिका को इस साल 19 मार्च को एक सत्र अदालत ने खारिज कर दिया था जिसके बाद उसने 26 मार्च को हाईकोर्ट में गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिये याचिका दायर की थी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)