Mahua Moitra Case: उच्च न्यायालय ने महुआ मोइत्रा को सरकारी बंगले से बेदखली के खिलाफ याचिका वापस लेने की अनुमति दी
Mahua Moitra (Photo : X)

नयी दिल्ली, 2 फरवरी: दिल्ली उच्च न्यायालय ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा को संपदा निदेशालय द्वारा जारी बेदखली नोटिस को चुनौती देने वाली अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी, जिसमें उन्हें आवंटित सरकारी आवास खाली करने के लिए कहा गया था. मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। उनके वकील ने कहा कि याचिका निरर्थक हो गई है क्योंकि वह पहले ही बंगला खाली कर चुकी हैं.

न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता ने पहले ही कहा है कि उसने संबंधित आवास खाली कर दिया है. याचिका वापस ली गई मानकर खारिज की जाती है.’’ उच्च न्यायालय द्वारा कोई अंतरिम राहत देने से इनकार करने के बाद टीएमसी नेता ने 19 जनवरी को सरकारी बंगला खाली कर दिया. उच्च न्यायालय ने 18 जनवरी को मोइत्रा की एक अर्जी को खारिज कर दिया था. इस अर्जी में मोइत्रा ने चिकित्सा आधार पर अधिकारियों को उन्हें सरकारी बंगले से बेदखल करने से रोकने का अनुरोध किया था.

मोइत्रा ने कहा था कि वह अकेली रहती हैं और यहां एक अस्पताल में इलाज कराती हैं तथा वह बंगले का जो भी किराया हो, उसका भुगतान करने को तैयार हैं. हालांकि, उच्च न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता के लोकसभा से निष्कासन का मुद्दा उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है और सरकारी आवास खाली करने के लिए समय बढ़ाने का मुद्दा उससे जुड़ा हुआ है तथा आज की तारीख में उन्हें ‘‘कोई अधिकार नहीं है.’’

मोइत्रा को तुरंत बंगला खाली करने का नोटिस 16 जनवरी को जारी किया गया था. पिछले साल आठ दिसंबर को लोकसभा से निष्कासित की गईं मोइत्रा को बंगला आवंटन रद्द होने के बाद सात जनवरी तक आवास खाली करने के लिए कहा गया था. मोइत्रा को ‘‘अनैतिक आचरण’’ का दोषी ठहराया गया था और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से उनके कारोबारी प्रतिद्वंद्वी गौतम अडाणी पर निशाना साधने के लिए सवाल पूछने के बदले में उपहार और अन्य लाभ लेने के आरोप में सदन से निष्कासित कर दिया गया.

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