सोशल मीडिया पर दोस्ती कर लोगों से ठगी करने वाले हाईटेक गिरोह का पर्दाफाश
राजस्थान के सिरोही जिले में आबूरोड सदर थाना पुलिस ने सोशल मीडिया पर दोस्ती कर लोगों से ठगी करने वाले एक विदेशी गिरोह का पर्दाफाश किया है. दिल्ली में रहकर ठगी करने वाले इस हाईटेक गिरोह के दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
जयपुर, 19 सितंबर: राजस्थान के सिरोही जिले में आबूरोड सदर थाना पुलिस ने सोशल मीडिया पर दोस्ती कर लोगों से ठगी करने वाले एक विदेशी गिरोह का पर्दाफाश किया है. दिल्ली में रहकर ठगी करने वाले इस हाईटेक गिरोह के दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी महंगे तोहफे भेजने के नाम पर ठगी किया करते हैं. सिरोही पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने बताया कि आबूरोड शहर थाना क्षेत्र की रहने वाली पीड़िता ने 24 अप्रैल को पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि फेसबुक के जरिये उसकी अली अयान नामक महिला से दोस्ती हुई, जिसने अपने आपको न्यूजीलैंड निवासी बताया था. Video: जोधपुर में डॉक्टर ने कुत्ते को गाड़ी से बांधकर दौड़ाया, शर्मनाक वीडियो वायरल.
दोनों में व्हाट्सएप एवं फेसबुक पर बातें होती रहीं. उन्होंने बताया कि पीड़ित महिला ने 16 लाख रुपये की ठगी करने की शिकायत दर्ज कराई है. शिकायतकर्ता के मुताबिक ठगी करने वाले पहले विदेश से महंगे तोहफे भेजने का झांसा देता फिर खुद ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी के रूप में पेश कर तोहफे समेत पकड़ने और धन शोधन केस में जेल भेजने की धमकी देकर पैसे मांगते है.
उन्होंने बताया कि पुलिस दल ने मेघालय के खासी हिल्स जिले के मोवलाई थाना निवासी फातिमा लिंगदोह (42) एवं नाइजीरिया निवासी एक्ने बेंजामिन (32) को दिल्ली के मोहन गार्डन थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है.
उन्होंने बताया कि पूछताछ में अभियुक्तों ने अलग-अलग राज्यों में लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करना कबूल किया है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी सोशल मीडिया मंच जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक आदि पर विदेशी नागरिक की फर्जी प्रोफाइल बना लेते थे. फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर दोस्ती कर उनके बारे में सारी बातें जान लेते.
उसके बाद महंगे तोहफे भेजने का झांसा देते थे. शिकार को महंगा तोहफा मात्र कस्टम ड्यूटी देकर लेने को कहते. उन्होंने बताया कि इसके बाद इसी गिरोह का दूसरा व्यक्ति कस्टम अधिकारी या ईडी अधिकारी बन पीड़ित को फोन कर विदेश से तोहफा बिना सीमा शुल्क चुकाये मंगाने को धन शोधन की श्रेणी में आना बताता है. वह सीमा शुल्क जमा नहीं करने पर जेल जाने का डर दिखाया जाता, जिसके कारण कई लोग आरोपियों को पैसे दे देते थे.
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