नयी दिल्ली, 10 जुलाई देश के उत्तरी क्षेत्र में भारी बारिश के बीच हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में यमुना नदी के खतरे के निशान को पार करने के साथ ही निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित निकालने का काम सोमवार शाम से शुरू हो गया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जलभराव की स्थिति और यमुना के बढ़ते स्तर पर चर्चा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और कहा कि अब तक बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और जरूरत पड़ने पर राहत शिविरों में स्थानांतरित करने के लिए 41,000 लोगों की पहचान की गई है।
ऊंचाई वाले जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश के बीच हरियाणा द्वारा यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के चलते दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को सोमवार को पार कर गया।
नदी का जलस्तर संभावित समय से पहले ही खतरे के निशान को पार कर गया है। अनुमान लगाया गया था कि मंगलवार दोपहर तक यह खतरे के निशान को पार कर जाएगा।
राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि लोगों को खादर (बाढ़ के मैदान) क्षेत्र से सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है और संबंधित जिलाधिकारियों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने ट्वीट किया, "प्रत्येक जिलाधिकारी को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है। सभी टीम तैयार हैं। खादर क्षेत्रों के लोगों को सार्वजनिक घोषणाओं के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर भेजना शुरू कर दिया गया है, जहां उनके रहने और भोजन की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री स्वयं पूरी स्थिति पर नजर रख रहे हैं।''
केंद्रीय जल आयोग के बाढ़ निगरानी पोर्टल के मुताबिक, सोमवार शाम पांच बजे तक पुराने रेल ब्रिज पर जलस्तर 205.4 मीटर पर पहुंच गया।
इसके मुताबिक, मंगलवार तक जलस्तर के 206.65 मीटर तक बढ़ने का अनुमान है।
दिल्ली में जिन जिलों से होकर नदी बहती है, वहां से यमुना के डूब क्षेत्र से लोगों की निकासी शुरू कर दी गई।
पूर्वी जिले के एक अधिकारी ने कहा, "निचले इलाकों से 8,100 लोगों को निकालने के साथ निकासी कवायद जारी है। हमने उन्हें रखने के लिए स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों की पहचान की है।"
अधिकारी के अनुसार, निचले इलाकों से निकाले गए लोग तंबू में रहना चाहते हैं क्योंकि स्थायी संरचनाएँ कुछ दूरी पर स्थित हैं। उन्हें तंबुओं में ठहराया जा रहा है। उनकी सहायता के लिए मेडिकल टीम मौजूद हैं। भोजन, दिल्ली जल बोर्ड के पानी के टैंकर और पोर्टेबल शौचालयों की भी व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका नहीं है, लेकिन सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, "इस समय लोग हमसे एक सवाल पूछ रहे हैं कि क्या दिल्ली में बाढ़ आने की संभावना है? यह दिल्ली में बारिश और हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने पर निर्भर है।"
उन्होंने बताया कि रविवार रात बैराज से 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जो सोमवार सुबह घटकर 2.5 लाख क्यूसेक रह गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो दिल्ली सरकार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, "अगर नदी का स्तर 206 मीटर से अधिक हो जाता है, तो हम नदी के करीब रहने वाले लोगों को निकालना शुरू कर देंगे। हमने नदी के करीब रहने वाले 41,000 लोगों की पहचान की है। हमने राहत शिविर भी तैयार कर लिए हैं, जिनकी ऐसी स्थिति में जरूरत हो सकती है।’’
आतिशी ने कहा कि यमुना के बढ़ते जल स्तर के मद्देनजर, सभी संबंधित विभाग तैयार हैं और बचाव एवं राहत कार्यों के लिए 50 से अधिक मोटर नौकाएं तैनात की गई हैं।
उन्होंने कहा कि गोताखोर और मेडिकल टीम को भी सभी आवश्यक सामग्री और उपकरणों के साथ तैयार किया गया है।
इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में तीसरे दिन भी बारिश होने के कारण यात्रियों को जलजमाव के चलते यात्रा करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
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