चित्रदुर्ग (कर्नाटक), 1 सितम्बर : चित्रदुर्ग की एक स्थानीय अदालत ने मुरुगा मठ द्वारा संचालित एक उच्च विद्यालय की लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न मामले में मठ के प्रमुख महंत शिवमूर्ति मुरुगा शरणारु की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी है. महंत के खिलाफ बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मुकदमा दायर किया गया है. महंत ने सोमवार को अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दायर की थी, लेकिन उनके खिलाफ मंगलवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत अतिरिक्त आरोप भी जोड़े गये, क्योंकि दो पीड़ितों में से एक अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय की है.
द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत ने पहले पॉक्सो अधिनियम के तहत जमानत याचिका पर आपत्तियों को लेकर बाल संरक्षण इकाई को नोटिस जारी किया था. अब एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत अतिरिक्त आरोप शामिल किये जाने की पृष्ठभूमि में जमानत याचिका पर अब पुलिस (अभियोजन) की आपत्तियां भी जरूरी हो गयी हैं. पुलिस ने अपनी आपत्तियां दर्ज कराने के लिए कल का समय मांगा है. इसके बाद ही अदालत अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी. चित्रदुर्ग पुलिस ने इस सप्ताह के आरम्भ में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए दो पीड़िताओं को पेश किया था. यह भी पढ़ें : उज्जैन में किराना व्यापारी की पत्नी ने बेटियों का गला घोटकर फांसी लगाई
इस मामले में महंत के अलावा पांच और व्यक्ति आरोपी हैं, जिनमें मठ के छात्रावास का एक वार्डन भी शामिल है. ऐसा आरोप है कि मठ द्वारा संचालित स्कूल में पढने और छात्रावास में रहने वाली 15 और 16 वर्ष की दो लड़कियों का यौन-उत्पीड़न जनवरी 2019 से लेकर जून 2022 तक किया गया था. महंत के खिलाफ पॉक्सो एवं एससी/एसटी अत्याचार निवारण कानून के अलावा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.