देश की खबरें | कौशल विकास मामले में नायडू की जमानत के खिलाफ आंध्र प्रदेश की याचिका पर सुनवाई स्थगित

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने कौशल विकास निगम घोटाला मामले में मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को जमानत देने के आदेश के खिलाफ दायर आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को जनवरी, 2025 तक के लिए स्थगित कर दी।

नयी दिल्ली, 29 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने कौशल विकास निगम घोटाला मामले में मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को जमानत देने के आदेश के खिलाफ दायर आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को जनवरी, 2025 तक के लिए स्थगित कर दी।

राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एस सी शर्मा की पीठ से सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया जिसके बाद इसे स्थगित कर दिया गया।

पीठ ने कहा, ‘‘इस मामले को समय-समय पर स्थगित करने का कोई मतलब नहीं है। आखिरी बार सुनवाई स्थगित करते हुए इसे जनवरी के दूसरे सप्ताह के लिए निर्धारित किया जाए।’’

राज्य सरकार ने जमानत रद्द किए जाने का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए नायडू को एक ‘‘प्रभावशाली व्यक्ति’’ बताया और आरोप लगाया कि उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनके दो प्रमुख सहयोगी (जिनमें एक सरकारी कर्मचारी भी शामिल है) देश से भाग जाएं।

याचिका में कहा गया है, ‘‘अतः आरोपी जांच में स्पष्ट रूप से बाधा डाल रहा है इसलिए उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए।’’

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने 20 नवंबर 2023 को नायडू को जमानत प्रदान करते हुए कहा था कि जमानत देने के विवेक का प्रयोग मानवीय और दयालु तरीके से किया जाना चाहिए।

राज्य सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि उच्च न्यायालय ने 39 पन्नों के अपने फैसले में न केवल एक ‘‘छोटी सुनवाई’’ की, बल्कि ‘‘पूरी तरह से गलती’’ की , जिससे ऐसे निष्कर्ष निकले हैं जो रिकॉर्ड के पूरी तरह से विपरीत हैं।

अधिवक्ता महफूज अहसन नाजकी के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, ‘‘आंध्र प्रदेश राज्य अमरावती में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा 20 नवंबर 2023 को सुनाए गए फैसले के खिलाफ वर्तमान विशेष अनुमति याचिका दायर करने के लिए बाध्य है।’’

शीर्ष अदालत के विभिन्न फैसलों का जिक्र करते हुए राज्य सरकार ने कहा है कि जमानत आदेशों में साक्ष्यों के विस्तृत विवरण की प्रथा की इस अदालत द्वारा बार-बार आलोचना की गई है।

उच्च न्यायालय ने इस मामले में नायडू की चार सप्ताह की अंतरिम चिकित्सा जमानत को नियमित जमानत में बदल दिया था और पूर्व मुख्यमंत्री को उनकी उम्र, विभिन्न बीमारियों, भागने का जोखिम नहीं होने और अन्य कारणों पर विचार करते हुए नियमित जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।

उच्च न्यायालय ने कहा था कि कौशल विकास निगम घोटाला मामले से संबंधित कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी करने या सार्वजनिक रैलियों तथा बैठकों का आयोजन करने या उनमें भाग लेने से परहेज करने जैसी अंतरिम जमानत की शर्तें 28 नवंबर तक लागू रहेंगी और 29 नवंबर से इसमें ढील दी जाएगी।

इसके अलावा, अदालत ने नायडू को अपनी चिकित्सकीय रिपोर्ट राजामहेंद्रवरम केंद्रीय जेल के अधीक्षक को सौंपने के बजाय 28 नवंबर या उससे पहले विजयवाड़ा में विशेष अदालत में पेश करने का निर्देश दिया।

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