देश की खबरें | एच डी देवेगौड़ा ने 25 साल पहले प्रधानमंत्री पद की शपथ, जदएस उपलब्धियां गिनायेगा

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बेंगलुरू, एक जून आज से ठीक 25 साल पहले इसी दिन, जब राजनीतिक घटनाक्रमों ने आश्चर्यजनक मोड़ लिया तो एच डी देवेगौड़ा देश के राजनीतिक के केंद्र में आ गये और वह बिना किसी गंभीर आकांक्षा के देश के प्रधानमंत्री बन गये।

देवेगौड़ा को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बने अभी 18 महीने ही हुये थे, और उस वक्त तक राष्ट्रीय राजनीति में उनकी कोई बड़ी भूमिका भी नहीं थी और 13 दलों के संयुक्त मोर्चा के नेता के रूप में उभरते हुये उन्होंने एक जून 1996 को देश के 11 वें प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया । संयुक्त मोर्चा की सरकार को कांग्रेस बाहर से समर्थन दे रही थी ।

वह कर्नाटक के 14 वें मुख्यमंत्री थे और उनका कार्यकाल 1994 से 1996 के बीच का था ।

देश में 1996 हुए आम चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली थी, इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व में 13 दिन की सरकार बनी और इसके गिरने के बाद देवेगौड़ा का राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य में पदार्पण हुआ ।

‘‘मनिना मागा’’ (माटी के लाल) के रूप में लोकप्रिय देवेगौड़ा इस शीर्ष पद पर पहुंचने वाले पहले कन्नड़ और पी वी नरसिंह राव के बाद दूसरे दक्षिण भारतीय थे ।

खुद को अतीत में कई मौकों पर ‘‘एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’’ बता चुके देवेगौड़ा कह चुके हैं कि वामपंथी नेता ज्योति बसु को प्रधानमंत्री बनना था लेकिन आश्चर्यजनक रूप से यह पर उन्हें मिल गया। पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बसु ही वह व्यक्ति थे थे, जिन्होंने इस पद के लिये उनके नाम का प्रस्ताव दिया ।

देवेगौड़ा एक साल से कम समय (324 दिन) के लिये प्रधानमंत्री बने थे । वह 21 अप्रैल 1997 तक इस पद पर रहे और कांग्रेस के समर्थन वापस ले लेने के बाद उन्हें पद से हटना पड़ा था ।

ऐसा कहा जाता है कि नरसिंह राव के बाद कांग्रेस अध्यक्ष बने सीताराम केसरी के साथ मतभेदों के कारण देवेगौड़ा को पद गंवाना पड़ा । इसके बाद इंदर कुमार गुजराल संयुक्त मोर्चा के नेता चुने गये और वह प्रधानमंत्री बने ।

फिलहाल, देवेगौड़ा (88) राज्यसभा के सदस्य हैं और जनता दल (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं ।

देवेगौड़ा की कैबिनेट में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे सी एम इब्राहिम ने पीटीआई से बातचीत में पूर्व प्रधानामंत्री के कार्यकाल को ‘‘देश का स्वर्णिम काल’’ बताया और कहा कि पहली बार धरती से जुड़ा एक सामान्य किसान इस स्तर तक पहुंचा ।

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