देश की खबरें | हाथरस भगदड़ कांड : विश्व हरि बाबा के मैनपुरी आश्रम की सुरक्षा कड़ी की गयी
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. हाथरस के सिकन्दराराऊ में विश्व हरि बाबा भोलेनाथ के सत्संग के बाद उनकी चरण धूलि लेने के लिये दौड़ी भीड़ में भगदड़ मचने की घटना के बाद बाबा के मैनपुरी स्थित आश्रम के बाहर कड़े सुरक्षा बंदोबस्त कर दिये गये हैं।
मैनपुरी (उप्र), तीन जुलाई हाथरस के सिकन्दराराऊ में विश्व हरि बाबा भोलेनाथ के सत्संग के बाद उनकी चरण धूलि लेने के लिये दौड़ी भीड़ में भगदड़ मचने की घटना के बाद बाबा के मैनपुरी स्थित आश्रम के बाहर कड़े सुरक्षा बंदोबस्त कर दिये गये हैं।
भगदड़ कांड के बाद मैनपुरी के बिछवां कस्बे में स्थित भोले बाबा के आश्रम के बाहर कड़ा सुरक्षा घेरा बनाया गया है। आश्रम के बाहर कई थानों की पुलिस मौजूद है और आश्रम के अंदर मीडिया सहित किसी को भी दाखिल होने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि हाथरस में भगदड़ कांड के बाद से बिछवां स्थित विश्व हरि बाबा भोलेनाथ के आश्रम में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है।
इस सवाल पर कि क्या बाबा आश्रम में मौजूद हैं, सिंह ने कोई जवाब नहीं दिया।
हालांकि खुफिया विभाग के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि बाबा भोलेनाथ आश्रम के अंदर हैं। उनकी सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर पुलिस बल तैनात किया गया है।
गौरतलब है कि हाथरस के फुलरई गांव में विश्वहरि बाबा भोलेनाथ द्वारा आयोजित सत्संग के दौरान मंगलवार को मची भगदड़ में 121 लोगों की हो गई थी। मरने वालों में ज़्यादातर महिलाएँ हैं। अधिकतर श्रद्धालुओं की दम घुटने से मौत हुई और लोग एक-दूसरे के ऊपर ढेर होते गए। यह हाल के वर्षों में घटित सबसे त्रासद घटना है।
पुलिस ने इस मामले में कार्यक्रम के मुख्य सेवादार तथा उसके सहयोगियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या तथा अन्य आरोपों में मंगलवार देर रात मुकदमा दर्ज किया। हालांकि आरोपियों में बाबा भोलेनाथ का नाम शामिल नहीं है।
सिकंदराराऊ थाने की पोरा चौकी के प्रभारी उप निरीक्षक बृजेश पांडे की तहरीर पर मंगलवार देर रात मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह मुकदमा भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत दर्ज किया गया है।
तहरीर में कहा गया है कि आयोजकों ने संगठन के पिछले कार्यक्रमों में जुटने वाली लाखों की भीड़ की स्थिति को छुपाते हुए इस बार 80 हजार लोगों के इकट्ठा होने की बात प्रशासन को बताई थी। प्रशासन ने उसी के हिसाब से सुरक्षा की व्यवस्था की थी मगर सत्संग में ढाई लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई जिससे अव्यवस्था पैदा हुई।
तहरीर में आरोप लगाया गया है कि कार्यक्रम के मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के प्रवचन के बाद वह अपनी गाड़ी में सवार होकर कार्यक्रम स्थल से निकल रहे थे तभी श्रद्धालुओं ने उनकी गाड़ी के गुजरने वाले मार्ग से धूल समेटना शुरू कर दिया। तहरीन के अनुसार, कार्यक्रम स्थल से निकल रही लाखों की भीड़ के दबाव के कारण धूल समेट रहे लोग कुचले गए। खेतों में भरे पानी और कीचड़ में डूबती- कुचलती भीड़ को आयोजन समिति और सेवादारों ने जबरन रोक दिया जिसकी वजह से लाखों व्यक्तियों की भीड़ का दबाव बढ़ता चला गया और महिलाएं बच्चे तथा पुरुष उसमें दबते-कुचलते चले गए। इस तरह आयोजकों और सेवादारों की हरकत से बड़ी संख्या में निर्दोष लोग मारे गए और गंभीर रूप से घायल हुए।
मुकदमे में कहा गया है कि मौके पर मौजूद पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने हर संभव प्रयास करते हुए घायल और बेहोश हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाया लेकिन आयोजनकर्ताओं और सेवादारों ने कोई सहयोग नहीं किया।
तहरीर के अनुसार, कार्यक्रम स्थल पर यातायात नियंत्रण संबंधी अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया। इतना ही नहीं बल्कि आयोजनकर्ताओं ने भीड़ में कुचले और घायल हुए लोगों के मौके पर छूटे सामान, कपड़े और जूते चप्पल को उठाकर पास के ही खेत में फेंक कर सुबूत मिटाने का प्रयास किया।
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