नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर हाथरस में हुए कथित सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले को लेकर वाम संबद्ध संगठनों और अन्य नागरिकों ने सोमवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला भी जलाया।
प्रदर्शनकारियों ने दलित युवती के परिवार वालों के साथ अन्याय किए जाने का भी आरोप लगाया और आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की।
यह भी पढ़े | Rape in Gurugram: गुरुग्राम में 15 साल की नाबालिग लड़की के साथ पड़ोसी ने किया दुष्कर्म, मामला दर्ज.
मास्क पहने प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर पर एकत्र हुए और उन्होंने हाथों में विरोधी नारे लिखी तख्तियां पकड़ी हुई थीं। कई तख्तियों पर पीड़िता को इंसाफ दिलाने और बलात्कार को पूरी तरह रोके जाने की मांग की गई थी।
प्रदर्शनकारियों में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन, अखिल भारतीय विकासशील महिला एसोसिएशन जैसे संगठनों के कार्यकर्ताओं समेत अन्य लोगों ने उत्तर प्रदेश पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और 19 वर्षीय पीड़िता के लिए इंसाफ की मांग की।
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन की सुचेता डे ने कहा, '' जब तक योगी आदित्यनाथ की सरकार है, तब तक हम रोजाना विरोध-प्रदर्शन करेंगे। उन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा। राज्य प्रशासन का इस्तेमाल पीड़िता के परिवार वालों को डराने के लिए किया जा रहा है।''
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, '' हाथरस में जो हुआ वह बेहद डराने वाला है। इस घटना ने 2012 में हुए मामले की यादें ताजा कर दीं। निर्भया के परिवार वालों को इंसाफ मिलने में आठ वर्ष लग गए।''
अपने किशोर बेटे-बेटी के साथ आईं एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हाथरस मामले को लेकर भारी गुस्सा है, जिसने उन्हें महामारी के बावजूद इस प्रदर्शन में शामिल होने को मजबूर किया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)