नयी दिल्ली, 29 अगस्त कांग्रेस ने मणिपुर विधानसभा के एक दिवसीय सत्र को आज ‘तमाशा’ करार देते हुए कहा कि यदि सत्र कुछ दिन और चलता तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अंदर के मतभेद खुलकर सामने आ जाते।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा कि भाजपा ने हमेशा ही अवसर को औपचारिकता में बदला है।
मणिपुर विधानसभा का एक दिवसीय सत्र शुरू होने के एक घंटे के अंदर अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस विधायकों ने सत्र की अवधि बढ़ाकर पांच दिन करने की मांग को लेकर हंगामा किया।
पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्व में विपक्षी विधायकों ने कहा कि राज्य के मौजूदा हालात पर चर्चा करने के लिए एक दिन पर्याप्त नहीं है।
भाजपा के सात विधायकों समेत सभी 10 कुकी विधायक सदन में उपस्थित नहीं थे।
रमेश ने कहा, ‘‘23 मार्च 2023 के बाद मणिपुर विधानसभा की बैठक आज पहली बार हुई। इसमें तीन मई से राज्य में हुई हिंसा में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। मुख्यमंत्री ने एक प्रस्ताव पढ़ा और फिर इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया और अन्य किसी प्रस्ताव को स्वीकृति नहीं दी गयी।’’
उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया एक घंटे से भी कम समय में समाप्त हो गई।
रमेश ने कहा, ‘‘क्या तमाशा है? इतने बड़े बहुमत के साथ सत्तारूढ़ पार्टी कुछ और दिन का सत्र क्यों नहीं आयोजित कर सकी? कारण स्पष्ट है। यदि विधानसभा सत्र चलता तो भाजपा के अंदर के मतभेद खुलकर सामने आ जाते और वो भी विधानसभा के पटल पर।’’
उन्होंने कहा कि 10 कुकी विधायकों द्वारा सत्र का ‘बहिष्कार’ करना दिखाता है कि राज्य में गहरा विभाजन है और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए कितने अक्षम हैं।
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