एक अज्ञात हैकिंग समूह ने ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन पर हमले की जिम्मेदारी लेते हुए तेहरान से हाल में देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों में गिरफ्तार राजनीतिक बंदियों को रिहा करने की मांग की। समूह ने कहा कि उसने बुशहर में ईरान के रूस समर्थित परमाणु ऊर्जा संयंत्र से संबंधित 50 गीगाबाइट आंतरिक ई-मेल, अनुबंध और निर्माण योजनाओं को लीक कर दिया। यह स्पष्ट नहीं है कि जिस प्रणाली में सेंध लगी उसमें गोपनीय सामग्री थी या नहीं।
प्रणाली में सेंधमारी ऐसे वक्त हुई है जब ईरान देश में अशांति का सामना कर रहा है, जो देश के सख्त इस्लामी ड्रेस कोड का पालन नहीं करने के लिए पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय महिला महसा अमिनी की 16 सितंबर की मौत से शुरू हुई थी।
रविवार को, ईरान के प्रमुख शिक्षक संघ ने बताया कि छात्र प्रदर्शनकारियों पर सरकार की कार्रवाई के विरोध में देश भर के कई स्कूलों में कक्षाएं रद्द कर दी गई। विरोध प्रदर्शन पहले ईरान के अनिवार्य हिजाब पर केंद्रित थे, लेकिन जल्द ही देश के शासक मौलवियों के लिए सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक बन गए। प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए और इस्लामिक रिपब्लिक के पतन का भी आह्वान किया।
सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनों को तितर-बितर करने के लिए गोला-बारूद और आंसू गैस के गोले दागे हैं। वहीं, अधिकार समूहों के अनुमान के अनुसार प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं। ईरान की असैन्य परमाणु शाखा ने कहा कि हैकर्स ने कंपनी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली ई-मेल प्रणाली में सेंधमारी की जो कि बुशहर के दक्षिणी बंदरगाह शहर में देश का एकमात्र परमाणु ऊर्जा संयंत्र का संचालन करती है।
एजेंसी ने बिना विस्तार से बताए हमले के लिए एक खास ‘‘देश’’ को दोषी ठहराया। पूर्व में ईरान ने बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए अमेरिका और इजराइल पर साइबर हमले का आरोप लगाया था। संगठन ने कहा, ‘‘ये अवैध प्रयास लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए हताशा में किए गए हैं।’’
खुद को ‘‘ब्लैक रिवार्ड’’ कहने वाले गुमनाम हैकिंग समूह ने एक दशक पहले रूस की मदद से बनाए गए बुशहर संयंत्र में अनुबंधों, योजनाओं और उपकरणों की छवियों को प्रकाशित किया। समूह ने अपने टेलीग्राम चैनल पर हैक की घोषणा करते हुए लिखा, ‘‘पश्चिमी देशों के विपरीत हम आपराधिक मुल्लाओं के साथ फ़्लर्ट नहीं करते हैं।’’
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