ताजा खबरें | गुजरात कोयला घोटाले की शिकायत मिली, जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का प्रस्ताव नहीं: केंद्र

Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. केंद्र सरकार ने सोमवार को बताया कि गुजरात में छह हजार करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के घोटाले के संबंध में उसे शिकायत मिली है लेकिन इसकी जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का कोई प्रस्ताव उसके पास विचाराधीन नहीं है। उसने कहा कि इस शिकायत को उचित कार्रवाई के लिए राज्य सरकार के पास भेज दिया गया है।

नयी दिल्ली, चार अप्रैल केंद्र सरकार ने सोमवार को बताया कि गुजरात में छह हजार करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के घोटाले के संबंध में उसे शिकायत मिली है लेकिन इसकी जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का कोई प्रस्ताव उसके पास विचाराधीन नहीं है। उसने कहा कि इस शिकायत को उचित कार्रवाई के लिए राज्य सरकार के पास भेज दिया गया है।

केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।

यह पूछे जाने पर क्या कि क्या सरकार को गुजरात में छह हजार करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का कोयला घोटाला उजागर होने की जानकारी है, इसके जवाब में जोशी ने कहा, ‘‘इस संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है।’’

जोशी ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को कोयले का आवंटन नयी कोयला वितरण नीति, 2007 के अनुसार किया जाता है।

उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत जिन एमएसएमई की आवश्यकता प्रतिवर्ष 10,000 टन से कम है, उन्हें राज्य द्वारा नामित एजेंसियों के माध्यम से कोयला प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।

उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने 23 जून 2015 को नई कोयला वितरण नीति के तहत कोयले के वितरण के लिए चार राज्य एजेंसियों को नामित किया था।

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार इस घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने पर विचार कर रही है, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नई कोयला नीति, 2007 में अन्य बातों के साथ उल्लेख किया गया है कि राज्य नामित एजेंसी द्वारा आवंटित कोयला को लक्षित उपभोक्ताओं को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से वितरण सुनिश्चित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि किसी भी दुरुपयोग को रोकने के लिए उचित कार्रवाई करने की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार की ही है।

उन्होंने कहा, ‘‘उक्त शिकायत पर उचित कार्रवाई करने के लिए इसे गुजरात सरकार को भेज दिया गया है। उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए सरकार के पास इस मामले में एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।’’

ब्रजेन्द्र

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