जयपुर, 26 अक्टूबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी के मार्गदर्शन को कांग्रेस पार्टी के लिए अमूल्य बताते हुए बुधवार को कहा कि उनका कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ना सभी कांग्रेसजनों के लिए भावुक पल है।
गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘1998 में जब सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला तब कांग्रेस की केंद्र में सरकार नहीं थी, व राज्यों में भी कांग्रेस पार्टी के समक्ष तमाम चुनौतियां थीं। सोनिया जी के अध्यक्ष बनने के बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक समेत कई राज्यों में कांग्रेस जीती।'
उन्होंने लिखा, ‘‘2004 और 2009 में भाजपा को हराकर केन्द्र में संप्रग की सरकार बनी।’’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता के अनुसार, 'सोनिया जी ने प्रधानमंत्री पद तक का त्याग किया एवं पार्टी को हमेशा परिवार की तरह चलाया। त्याग, स्नेह व अपनेपन की इस भावना के कारण ही सोनिया जी के नेतृत्व में पार्टी एकजुट हो गयी और अनेकों दलों से गठबंधन कर संप्रग बना।'
उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग राजनीति में आने पर सोनिया जी के विरोधी थे वो सब उनके मुरीद बन गए। आज सोनिया गांधी द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ना सभी कांग्रेसजनों के लिए एक भावुक पल है।’’
गहलोत ने लिखा, ‘‘सोनिया गांधी का मार्गदर्शन कांग्रेस पार्टी के लिए अमूल्य है और रहेगा।’’
मुख्यमंत्री बुधवार को नयी दिल्ली में थे जहां वह कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।
वहीं गहलोत का 28 अक्टूबर से गुजरात के चुनावी दौरे पर जाने का कार्यक्रम है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गहलोत 28 से 31 अक्टूबर तक गुजरात के दौरे पर रहेंगे और इस दौरान अनेक जगह चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे।
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