धार्मिक, परमार्थ संस्थान संचालित ‘सरायों’ के कमरों पर जीएसटी नहीं लगेगा: सीबीआईसी

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि धार्मिक और परमार्थ संस्थानों द्वारा संचालित ‘सरायों’ के कमरे के किराये या संपत्तियों पर माल एवं सेवा कर (जीएसीटी) नहीं लगेगा. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने बृहस्पतिवार को कमरों के किराये पर जीएसटी को लेकर भ्रम दूर करने के लिए यह स्पष्टीकरण जारी किया था.

प्रतीकात्मक तस्वीर - जीएसटी (Photo Credits: PTI)

नयी दिल्ली, 5 अगस्त : वित्त मंत्रालय ने कहा है कि धार्मिक और परमार्थ संस्थानों द्वारा संचालित ‘सरायों’ के कमरे के किराये या संपत्तियों पर माल एवं सेवा कर (जीएसीटी) नहीं लगेगा. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने बृहस्पतिवार को कमरों के किराये पर जीएसटी को लेकर भ्रम दूर करने के लिए यह स्पष्टीकरण जारी किया था. वित्त मंत्रालय का यह स्पष्टीकरण आप सांसद राघव चड्ढा समेत विभिन्न तबकों की मांग के बाद आया है कि धार्मिक संस्थानों के कमरों के किराये पर जीएसटी को वापस लिया जाए.

चड्ढा ने बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास स्थित धार्मिक परिसरों के ‘सरायों’ पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले को वापस लेने के संबंध में एक पत्र सौंपा. जीएसटी परिषद ने इस साल जून माह में फैसला किया था कि एक हजार रुपये प्रतिदिन से कम कीमत वाले होटल कमरों पर 12 प्रतिशत का कर लगाया जाएगा. यह भी पढ़ें : Maharashtra: एसटी ड्राइवर की बस के स्टीयरिंग व्हील पर हुई मौत, लेकिन मरने से पहले उसने बचाई 25 यात्रियों की जान

18 जुलाई, 2022 को एक हजार रुपये से कम किराए वाले कमरे पर जीएसटी प्रस्ताव के लागू होने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा संचालित कुछ सरायों ने एक हजार रुपये से कम किराये वाले कमरों के लिए जीएसटी जुटाना शुरू कर दिया था. जीएसटी परिषद की सिफारिश पर 1,000 रुपये किराये वाले होटल कमरों को पहले की छूट श्रेणी से 12 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब के तहत लाया गया था. वित्त मंत्रालय के तहत सीबीआईसी ने कई ट्वीट कर कहा कि धार्मिक और परमार्थ संस्थानों द्वारा संचालित ‘सरायों’ के कमरे के किराये पर जीएसटी लागू नहीं होगा.

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