जरुरी जानकारी | जीएसटी संग्रह जून में 90,917 करोड़ रुपये रहा, पहली तिमाही में राजस्व 59 प्रतिशत घटा

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. सरकार ने जून में जीएसटी से 90,917 करोड़ रुपये एकत्र किए। ये आंकड़ा मई में 62,009 करोड़ रुपये और अप्रैल में 32,294 करोड़ रुपये था।

नयी दिल्ली, एक जुलाई सरकार ने जून में जीएसटी से 90,917 करोड़ रुपये एकत्र किए। ये आंकड़ा मई में 62,009 करोड़ रुपये और अप्रैल में 32,294 करोड़ रुपये था।

पिछले वर्ष की तुलना में जून 2020 में जीएसटी संग्रह नौ प्रतिशत कम था, जबकि इसमें मई के दौरान 62 प्रतिशत और अप्रैल के दौरान 28 प्रतिशत गिरावट हुई थी।

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चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान जीएसटी संग्रह में 59 फीसदी की गिरावट हुई। कोविड-19 महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के कारण ऐसा हुआ, जिसके कारण आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘‘जून, 2020 में एकत्र सकल जीएसटी राजस्व 90,917 करोड़ रुपये रहा, जिसमें सीजीएसटी 18,980 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 23,970 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 40,302 करोड़ रुपये (माल के आयात पर जमा किए गए 15,709 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 7,665 करोड़ रुपये हैं।’’

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सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा में राहत दी है। जून 2020 के दौरान अप्रैल, मार्च और यहां तक कि फरवरी के रिटर्न भी दाखिल किए गए।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण चालू वित्त वर्ष में राजस्व प्रभावित हुआ। इसके अलावा सरकार द्वारा महामारी के कारण रिटर्न फाइल करने और करों के भुगतान में राहत देने से भी कर संग्रह कम रहा है। हालांकि, पिछले तीन महीने के आंकड़े क्रमिक रूप से जीएसटी राजस्व में सुधार को दिखा रहे हैं।

बयान के मुताबिक जून में पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार, असम, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक जैसे राज्यों के कर संग्रह में बढ़ोतरी देखी गई।

इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्यों जैसे सिक्किम, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश में भी इस महीने के दौरान राजस्व में वृद्धि देखी गई।

ईवाई टैक्स के पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा कि जीएसटी संग्रह में पहली तिमाही के दौरान साफ तौर पर गिरावट देखने को मिली है, लेकिन जून में सुधार के संकेत देखने को मिले हैं।

उन्होंने कहा कि राजस्व में कमी और इसके साथ राज्यों के राजस्व में गिरावट के चलते केंद्र का दायित्व है कि वह राज्यों को क्षतिपूर्ति करे, जो एक चिंता का विषय है।

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