पटना, 13 जनवरी जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने सोमवार को दावा किया कि बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने हाल ही में संपन्न बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा को लेकर जारी गतिरोध को खत्म करने हेतु हस्तक्षेप करने की पेशकश की है।
किशोर ने पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यपाल की पहल पर एक प्रतिनिधिमंडल दोपहर बाद राजभवन जाएगा और उन्हें आंदोलनकारी छात्रों की शिकायतों से अवगत कराएगा।
किशोर ने यह भी कहा कि वह अपना आमरण अनशन जारी रखेंगे। अनशन के दौरान तबीयत खराब होने पर किशोर को पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उन्होंने कहा, “आदरणीय राज्यपाल ने पहल की है और उन्होंने आश्वासन दिया है कि हाल ही में संपन्न बीपीएससी परीक्षा से जुड़े विवाद का समाधान खोजने के प्रयास किए जाएंगे। इस मुद्दे पर सरकार और प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों के बीच बातचीत के प्रयास भी किए जाएंगे, ऐसा सरकार ने भी आश्वासन दिया है।’’
पूर्व चुनावी रणनीतिकार किशोर ने कहा कि बीपीएससी के अभ्यर्थियों का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में राज्यपाल से मुलाकात करेगा और उन्हें आंदोलनकारी छात्रों की शिकायतों से अवगत कराएगा।
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांगों और बीपीएससी के दावों की उच्चस्तरीय जांच की मांग करेगा।
किशोर ने कहा, ‘‘मेरा आमरण अनशन जारी रहेगा।’’
किशोर (47) को शनिवार को स्वास्थ्य में सुधार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
उल्लेखनीय है कि बीपीएससी द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा के प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक होने के आरोपों के बीच इसे रद्द करने की मांग को लेकर उम्मीदवारों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन का किशोर ने समर्थन किया है।
किशोर को पुलिस ने 'अवैध' तौर पर आमरण अनशन करने के लिए गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें यहां की एक अदालत द्वारा न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के कुछ घंटों बाद बिना शर्त जमानत पर रिहा कर दिया था।
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