जरुरी जानकारी | सरकार की धान खरीद अबतक 10 प्रतिशत बढ़कर 541.90 लाख टन पर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. चालू खरीफ विपणन सत्र 2022-23 में अबतक केंद्रीय पूल के लिए सरकार की धान खरीद 9.58 प्रतिशत बढ़कर 541.90 लाख टन हो गई है। खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
नयी दिल्ली, चार जनवरी चालू खरीफ विपणन सत्र 2022-23 में अबतक केंद्रीय पूल के लिए सरकार की धान खरीद 9.58 प्रतिशत बढ़कर 541.90 लाख टन हो गई है। खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
केंद्रीय पूल में योगदान करने वाले प्रमुख राज्यों में पंजाब, छत्तीसगढ़, हरियाणा और तेलंगाना शामिल हैं।
अमूमन धान खरीद अक्टूबर से शुरू होती है। हालांकि, दक्षिणी राज्यों विशेष रूप से केरल और तमिलनाडु में, यह सितंबर से शुरू होती है।
सरकार का लक्ष्य खरीफ विपणन सत्र 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) में 775.72 लाख टन धान की खरीद करने का है।
पिछले खरीफ विपणन सत्र में वास्तविक खरीद रिकॉर्ड 759.32 लाख टन की हुई थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खरीफ विपणन सत्र 2022-23 में तीन जनवरी तक धान की कुल खरीद बढ़कर 541.90 लाख टन हो गई, जो एक साल पहले की इसी अवधि में 494.50 लाख टन थी।
चालू विपणन वर्ष में अबतक पंजाब में धान की खरीद मामूली रूप से घटकर 182.13 लाख टन रह गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 187.12 लाख टन थी।
छत्तीसगढ़ में खरीद पहले के 55 लाख टन से तेजी से बढ़कर 82.89 लाख टन हो गई, जबकि हरियाणा में अनाज की खरीद पहले के 54.50 लाख टन से बढ़कर 58.96 लाख टन हो गई।
तेलंगाना में धान की खरीद घटकर 56.31 लाख टन रही, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 63.84 लाख टन हुई थी। उत्तर प्रदेश में खरीद एक साल पहले की समान अवधि के 42.73 लाख टन से मामूली बढ़कर 42.96 लाख टन हो गई।
मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि मध्य प्रदेश में इस विपणन वर्ष में अबतक खरीद तेजी से बढ़कर 34.50 लाख टन हो गई है, जो एक साल पहले समान अवधि में 22.42 लाख टन थी।
धान की खरीद सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और निजी एजेंसियों, दोनों के द्वारा की जाती है। यह सीधे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाता है और कई कल्याणकारी योजनाओं के तहत मांग को पूरा करने के लिए इसे उपयोग में लाया जाता है।
धान खरीफ (गर्मी) और रबी (सर्दियों) दोनों मौसमों में उगाया जाता है। लेकिन देश के कुल धान उत्पादन का 80 प्रतिशत उत्पादन खरीफ सत्र से प्राप्त होता है।
कृषि मंत्रालय के पहले अनुमान के अनुसार, खरीफ सत्र 2022-23 में देश का धान उत्पाद छह प्रतिशत घटकर 10 करोड़ 49.9 लाख टन रह जाने का अनुमान है। उत्पादन में इस गिरावट का कारण प्रमुख उत्पादक राज्यों में विशेषकर झारखंड में कमजोर बरसात के मद्देनजर धान खेती का रकबा कम होना है।
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