नयी दिल्ली, 31 जनवरी प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने सोमवार को कहा कि देश की वित्तीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के निहितार्थों को देखते हुए सरकार इसके नियमन के मुद्दे पर एक संतुलित नजरिया अपनाएगी।
फिलहाल देश में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल पर किसी तरह का नियमन नहीं है और न ही किसी तरह की पाबंदी लगी हुई है। हालांकि, विभिन्न क्षेत्रों से इनके सख्त नियमन की मांग उठती रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2021-22 में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। इस बारे में पूछे जाने पर सान्याल ने कहा कि यह मुद्दा सरकार के भीतर और संसद दोनों जगह चर्चा का विमर्श बना हुआ है।
सान्याल ने कहा, ‘‘यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर अभी चर्चा जारी है। वित्तीय स्थिरता के कुछ मुद्दे जुड़े हुए हैं। नवाचार के संदर्भ में भी कुछ दलीलें दी जाती हैं। ऐसी स्थिति में इस मामले में एक संतुलित रुख ही अपनाया जाएगा।’’
सरकार ने संसद के पिछले अधिवेशन में ही क्रिप्टोकरेंसी पर एक विधेयक लाने की मंशा जताई थी। रिजर्व बैंक की तरफ से एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के गठन का ढांचा तैयार होने की बात कही गई थी। लेकिन मंत्रिमंडल में इस विधेयक के प्रारूप पर सहमति नहीं बन पाने से उसे संसद में नहीं रखा जा सका था।
गत नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। उस बैठक से ऐसे संकेत मिले थे कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए सख्त कदम उठा सकती है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने की सोच को कई बार खारिज कर चुके हैं। उनका कहना है कि यह डिजिटल मुद्रा किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है।
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