नई दिल्ली, पांच नवंबर रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि सरकार कृषि-रसायनों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन-से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना लाएगी।
फिक्की-एचआईएल द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘फार्मा क्षेत्र की तरह हम, खेती में उपयोग होने वाले रसायनों के लिए एक उत्पादन-से जुड़ी प्रोत्साहन योजना लाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र पहले से ही वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनकर एक बहु-आयामी दृष्टिकोण अपना सकता है और नियमों और विनियमों में सुधार के साथ-साथ 'मेक इन इंडिया' दृष्टिकोण के साथ देश आने वाले दिनों में और प्रगति कर सकता है।
मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि मोदी सरकार ऐसे कानून नहीं लाएगी जो उद्योग और देश की वृद्धि को प्रभावित करेंगे।
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उन्होंने इस उद्योग के कारोबारियों की चिंताओं को दूर करने के लिए उनसे मुलाकात करने का भी वादा किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें आमने-सामने मिलने और चर्चा करने और मुद्दों को सुलझाने की जरूरत है। हम उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों से अवगत हैं ..।‘‘
मंत्री ने आगे कहा कि सरकार चाहती है कि उद्योग प्रगति करे क्योंकि उसे देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार पैदा करने के संदर्भ में इस उद्योग के महत्व का अहसास है।
रसायन एवं पेट्रो रसायन सचिव आर के चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार कृषि रसायन को उदीयमान क्षेत्र के रूप में देखती है, जो भारतीय कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने रसायनों और पेट्रोरसायन क्षेत्र के लिए 2034 विजन (दृष्टि) स्थापित किया है ताकि देश में प्रमुख रसायनों के निर्माण करने, आयात को निर्भरता घटाने और निवेश को आकर्षित करने के अवसरों का फायदा लिया जा सके।
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