नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) को सोमवार को बताया गया कि सरकार कोविड-19 (Covid-19) वैश्विक महामारी के बीच 12वीं कक्षा की परीक्षाएं (12th Exam) आयोजित करने या नहीं करने के बारे में आगामी दो दिन में अंतिम फैसला करेगी. अटॉर्नी जनरल (Attorney General) केके वेणुगोपाल (KK Venugopal) ने न्यायमूर्ति एएम खानविलकर (AM Khanvilkar) और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी (Dinesh Maheshwari) की पीठ को यह जानकारी दी. इस पर पीठ ने इस मामले की सुनवाई तीन जून के लिए स्थगित कर दी. CBSE Class 12th Board Exams 2021: बारहवीं के 300 छात्रों ने CJI एनवी रमना को लिखा पत्र, कोरोना महामारी के बीच फिजिकल रूप से परीक्षा रद्द करने की मांग की
पीठ मौजूदा हालात के मद्देनजर भारतीय विद्यालय प्रमाण-पत्र परीक्षा परिषद(CISCE) और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
पीठ ने वेणुगोपाल से कहा, ‘‘कोई समस्या नहीं है. आप फैसला कीजिए. आपको ऐसा करने का अधिकार है. यदि आप पिछले साल की नीति से अलग फैसला करते हैं, तो आपको इसका ठोस कारण देना होगा.’’
शीर्ष अदालत ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण पिछले साल एक जुलाई से 15 जुलाई तक होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने के लिए सीबीएसई और सीआईएससीई की योजनाओं को 26 जून, 2020 को मंजूरी दे दी थी और परीक्षार्थियों के आकलन संबंधी फॉर्मूला को भी स्वीकृति दे दी थी.
शुरुआत में अटॉर्नी जनरल ने पीठ से कहा, ‘‘सरकार आगामी दो दिन में अंतिम फैसला करेगी. हम उम्मीद करते हैं कि आप हमें बृहस्पतिवार (तीन जून) तक का समय देंगे, ताकि हम अंतिम आदेश के साथ पेश हो सकें.’’
पीठ ने कहा, ‘‘सक्षम प्राधिकारी मामले संबंधी सभी पक्षों की समीक्षा कर रहे हैं और उनके सैद्धांतिक निर्णय लेने की संभावना है, जिसे न्यायालय में पेश किया जाएगा, इसलिए अटॉर्नी जनरल के अनुरोध के अनुसार मामले की आगे की सुनवाई बृहस्पतिवार तक के लिए स्थगित की जाए.’’
यह याचिका ममता शर्मा ने दायर की है, जिसमें एक निश्चित समय सीमा में 12वीं का परिणाम घोषित करने के लिए एक कार्यप्रणाली तैयार करने का भी निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया है.
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