नयी दिल्ली, 20 अगस्त खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और तेलंगाना में 60 उचित दर दुकानों (एफपीएस) को ‘जन पोषण केंद्र’ में बदलने के लिए एक पायलट परियोजना की शुरुआत की।
इस परियोजना का मकसद एफपीएस की व्यवहार्यता और पोषण युक्त खाद्य पदार्थों की उपलब्धता को बढ़ाना है। एफपीएस को आम बोलचाल में सरकारी राशन की दुकान भी कहते हैं।
पायलट परियोजना के तहत एफपीएस डीलर को सब्सिडी वाले अनाज के अलावा अपने उत्पादों में विविधता लाने की अनुमति होगी।
ये दुकानें अपने नये रंगरूप में अब बाजरा, दालें, डेयरी उत्पाद और दैनिक जरूरत का सामान बेच सकती हैं। इससे डीलरों की कमाई के नए स्रोत खुल सकते हैं।
जोशी ने इस परियोजना के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा, ‘‘यह बदलाव दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद होगा।’’
उन्होंने मौजूदा परिचालन अक्षमताओं का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ क्षेत्रों में एफपीएस सिर्फ 8-9 दिन के लिए खुलते हैं, जबकि दूसरे केंद्र हर तीन महीने में एक बार ही खुलते हैं। बाकी समय, ये दुकानें बंद रहती हैं।
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि एफपीएस डीलर के लिए मौजूदा कमीशन संरचना अपर्याप्त है। ऐसे में दुकान की जगह और जनशक्ति का अधिक प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने के लिए वैकल्पिक तरीकों की आवश्यकता है।
इस मौके पर जोशी ने ‘मेरा राशन’ ऐप के उन्नत संस्करण को भी पेश किया।
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने एफपीएस डीलर के लिए आसान ऋण की सुविधा के लिए सिडबी के साथ सहयोगात्मक प्रयासों और उद्यमिता प्रशिक्षण देने के लिए कौशल विकास मंत्रालय के साथ की गई साझेदारी के बारे में बताया। पूरे भारत में लगभग 5.38 लाख राशन की दुकानें हैं।
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