देहरादून, तीन नवंबर उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आयोजन स्थल को लेकर विपक्षी और निर्दलीय विधायकों के अलग—अलग रूख के कारण राज्य सरकार असमंजस की स्थिति में है।
विपक्षी कांग्रेस जहां आगामी विधानसभा सत्र प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आयोजित करने के पक्ष में है वहीं बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय विधायक इसे देहरादून में कराए जाने की मांग कर रहे हैं।
विधानसभा का आगामी सत्र 16 दिसंबर से पहले होना है।
यमुनोत्री के निर्दलीय विधायक संजय डोभाल ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर विधानसभा सत्र को देहरादून में आयाजित करवाने का अनुरोध किया है।
अपने पत्र में डोभाल ने कहा कि प्रदेश के आमजन की भावनाओं के दृष्टिगत ग्रीष्मकालीन विधानसभा सत्र को गैरसैंण तथा शीतकालीन विधानसभा सत्र देहरादून में संपन्न कराया जाना चाहिए।
इससे पहले, खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार तथा लक्सर के बसपा विधायक शहजाद भी विधानसभा सत्र देहरादून में करवाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। इन विधायकों का कहना है कि पहाड़ों में अत्यधिक ओलावृष्टि, वर्षा तथा निरंतर हिमपात होने के कारण विधानसभा का शीतकालीन सत्र देहरादून में ही होना चाहिए।
वहीं, विपक्षी कांग्रेस पहले ही सत्र को गैरसैंण में कराए जाने के पक्ष में राय जाहिर कर चुकी है।
सत्र के लिए स्थान और तारीख पर चर्चा के लिए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी द्वारा मंगलवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा था कि उनकी पार्टी गैरसैंण में सत्र आयोजित करने के पक्ष में है।
आर्य ने कहा कि जब सर्दियों में टेंट के अंदर सत्र किया जा सकता है तो अब भवन बनने के बाद वहां सत्र आयोजन में परेशानी नहीं होनी चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष ने इस बारे में कहा कि विधायकों की भावनाओं से राज्य सरकार को अवगत करा दिया गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस संबंध में निर्णय सरकार को लेना है।
नब्बे के दशक में पृथक उत्तराखंड राज्य आंदोलन के समय से ही लोगों के लिए एक भावनात्मक मुद्दा रहे गढवाल और कुमाऊं क्षेत्र के बीच चमोली जिले में स्थित गैरसैंण को 2020 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था।
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