जरुरी जानकारी | विदेशों में तेजी के रुख से सोयाबीन कीमत में अच्छा सुधार

नयी दिल्ली, 23 जुलाई विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को विभिन्न खाद्यतेल कीमतों में सुधार देखने को मिला। सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की स्थानीय और निर्यात मांग बढ़ने के साथ साथ त्यौहारी मांग के कारण सोयाबीन तिलहन के भाव मजबूत हो गये।

बाजार सूत्रों ने बताया कि मलेशिया एक्सचेंज तीन प्रतिशत की तेजी रही जबकि शिकॉगो एक्सचेंज एक प्रतिशत तेज था। विदेशी बाजारों में तेजी का असर स्थानीय कारोबार पर दिखा जहां विभिन्न खाद्य तेलों के दाम लाभ के साथ बंद हुए। उन्होंने कहा कि पहले सोयाबीन दाना का भाव सरसों से 4-5 रुपये प्रति किलो नीचे रहता था लेकिन पहली बार सोयाबन का भाव सरसों से 11 रुपये किलो अधिक हो गया है। सोयाबीन दाना से लगभग 18 प्रतिशत तेल की प्राप्ति होती है जबकि सरसों दाना से लगभग 40-42 प्रतिशत तेल की प्राप्ति होती है।

उन्होंने बताया कि एनसीडीईएक्स इंदौर के वायदा कारोबार में शुक्रवार को सोयाबीन के अगस्त अनुबंध की कीमत 8,129 रुपये से बढ़कर 8,616 रुपये क्विन्टल हो गयी है जबकि वायदा कारोबार में इस भाव पर ऊपर का सर्किट (छह प्रतिशत) लगाना पड़ा। सूत्रों ने कहा कि एक दिन में सोयाबीन में इतनी अधिक तेजी पहली बार देखने को मिली है।

उन्होंने कहा कि सोयाबीन में सुधार के कारण सरसों के भाव में भी मजबूती दिखी। महाराष्ट्र के लातूर किर्ती में सरसों का ‘पलांट डिलीवरी’ भाव 8,700 रुपये से बढ़कर 8,800 रुपये क्विन्टल हो गया है। छत्तीसगढ़ के राजनंद गांव में भी सोयाबीन का भाव 8,800 रुपये क्विन्टल पर मिल रहा है।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की पॉल्ट्रीफार्म कंपनियों की बढ़ती मांग को देखते हुए डीओसी के निर्यात को रोक देना चाहिये।

उन्होंने कहा कि स्थानीय मांग न होने से मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में गिरावट देखने को मिली।

उन्होंने कहा कि सरकार को अभी से सरसों की अगली बिजाई के लिए बीजों का इंतजाम कर लेना चाहिये। उन्होंने कहा कि सहकारी संस्था, हाफेड को अभी भी बाजार भाव पर सरसों की खरीद कर इसका स्टॉक बनाना बेहतर कदम हो सकता है।

उन्होंने कहा कि देश में लगभग 70 प्रतिशत खाद्यतेलों की जरुरत को आयात के रास्ते पूरा किया जाता है। आयात पर यह निर्भरता घातक है और देश में तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर जोर देना चाहिये और इसके लिए किसानों को सही प्रोत्साहन दिये जाने की आवश्यकता है।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 7,715 - 7,765 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,845 - 5,990 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,300 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,205 - 2,335 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,200 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,485 -2,535 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,585 - 2,695 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,000 - 17,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,000 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 14,800 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,400 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,350 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 14,300 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,300 रुपये।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,250 (बिना जीएसटी के)

सोयाबीन दाना 8,600 - 8,650, सोयाबीन लूज 8,445 - 8,545 रुपये

मक्का खल (सरिस्का) 3,800 रुपये

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