पणजी, पांच नवंबर गोवा में मोपा हवाई अड्डे के अगले महीने शुरू होने की घोषणा के बीच नेताओं की इसको लेकर राय अलग-अलग है कि इस हवाई अड्डे का नामकरण किसके नाम पर किया जाए। हालांकि, राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।
नेताओं का एक वर्ग मांग कर रहा है कि मोपा में नए अंतरराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का नाम राज्य के पहले मुख्यमंत्री दिवंगत दयानंद उर्फ भाऊसाहेब बांदोडकर के नाम पर रखा जाए जबकि अन्य नेताओं की मांग की है कि इसका नाम गोवा विधानसभा के पहले नेता प्रतिपक्ष डॉ जैक सिकेरा के नाम पर रखा जाए।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शुक्रवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोपा हवाई अड्डे की शुरुआत आठ दिसंबर के बाद कर सकते हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गोवा इकाई के पूर्व प्रमुख सुभाष वेलिंगकर ने शुक्रवार को पेरनेम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मोपा हवाई अड्डे का नाम बांदोडकर के नाम पर रखा जाना चाहिए क्योंकि वर्तमान राजनेताओं के मुकाबले वह राज्य के वास्तविक लोकाचार को बेहतर तरह से समझते थे।
वेलिंगकर ने बैठक में कहा, ‘‘अगर वे हवाई अड्डे को कोई अन्य नाम देने की कोशिश करते हैं तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। सभी राजनीतिक दलों की मांग है कि हवाई अड्डे का नाम बांदोडकर के नाम पर रखा जाए।’’
बैठक का आयोजन समान विचारधारा वाले लोगों द्वारा पेरनेम तालुका में किया गया था, जहां हवाई अड्डा स्थित है। बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री रमाकांत खलप समेत कई नेता मौजूद रहे।
इस बीच, भाजपा की गोवा इकाई के प्रवक्ता एस. रॉड्रिक्स ने एक बयान में कहा कि नए हवाई अड्डे का नाम गोवा विधानसभा में पहले नेता प्रतिपक्ष जैक सिकेरा के नाम पर रखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गोवा की पहचान बचाने वाले शख्स के लिए इससे बेहतर श्रद्धांजलि नहीं हो सकती क्योंकि जब कुछ नेता राज्य को महाराष्ट्र में मिलाना चाहते थे, तब उन्होंने गोवा का अस्तित्व बचाया था।
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