देश की खबरें | गहलोत आज दिल्ली जाएंगे और पार्टी आलाकमान से म‍िलने का कार्यक्रम

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को नई दिल्ली जाने वाले हैं जहां उनका पार्टी आलाकमान से म‍िलने का कार्यक्रम है।

जयपुर, 28 सितम्बर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को नई दिल्ली जाने वाले हैं जहां उनका पार्टी आलाकमान से म‍िलने का कार्यक्रम है।

कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने यहां दिन में मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री आज शाम नेतृत्व और संगठन के रूप में एक अभिभावक के तौर पर 102 विधायकों की भावना को व्यक्त करने के लिए दिल्ली जा रहे हैं। मुख्यमंत्री अभी इस्तीफा नहीं दे रहे हैं।''

उन्होंने कहा कि गहलोत पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे या नहीं, यह आलाकमान के साथ बैठक के बाद ही स्पष्ट होगा। गहलोत ने कहा था कि वह पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। हालांकि राज्य के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम से चीजें कुछ अस्‍पष्‍ट हो गई हैं। गहलोत के समर्थक व‍िधायकों ने राज्‍य में मुख्‍यमंत्री बदले जाने पर आपत्ति जताई है।

मुख्यमंत्री के नई दिल्ली के लिए एक विशेष विमान से जाने की संभावना है। गहलोत के दिल्ली दौरे से पहले कुछ मंत्री और विधायक उनसे मिलने मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे।

खाचरियावास, विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। खाचरियावास ने मुलाकात के बाद कहा कि यह एक नियमित बैठक थी और अध्यक्ष की बैठक कुछ अलग नहीं थी।

गहलोत का दिल्ली दौरा कांग्रेस द्वारा उनके तीन वफादार मंत्रियों शांति धारीवाल और महेश जोशी, और धर्मेंद्र राठौड को उनके "गंभीर अनुशासनहीनता" के लिए ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी करने के एक दिन बाद हो रहा है।

कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति ने मंगलवार रात को मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी तथा पार्टी के नेता धर्मेंद्र राठौड़ को उनकी ‘‘घोर अनुशासनहीनता’’ के लिए ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया और उनसे 10 दिन के भीतर यह बताने के लिए कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक कराने यहां आए पार्टी महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी माकन ने सोमवार को कहा था कि (गहलोत के समर्थक व‍िधायकों द्वारा) विधायक दल की आधिकारिक बैठक में न आकर समानांतर बैठक करना अनुशासनहीनता है।

कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्‍यमंत्री निवास पर होनी थी। लेकिन गहलोत के समर्थक विधायक नहीं पहुंचे थे। इन विधायकों ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की थी और फिर वहां से विधानसभा अध्‍यक्ष से म‍िलने चले गये थे एवं उन्होंने अपने इस्‍तीफे उन्‍हें सौंपे। इन विधायकों की ओर से धारीवाल, जोशी एवं प्रताप सिंह खाचर‍ियावास ने माकन एवं मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी।

पार्टी के सामने राजस्थान प्रकरण एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हुई है। कांग्रेस अध्यक्ष ने संकट को हल करने के लिए वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ चर्चा शुरू कर दी है यहां तक कि गहलोत का भाग्य, जिन्हें पार्टी के शीर्ष पद के लिए सबसे आगे माना जाता था, अनिश्चित बना हुआ है। मल्लिकार्जुन खड़गे, ए के एंटनी, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, अंबिका सोनी और पवन कुमार बंसल सहित कई नाम संभावित पार्टी अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के लिए सामने आए। हालांकि उनमें से अधिकांश ने खुद को दौड़ से बाहर कर दिया।

जानकार सूत्रों के अनुसार हालांकि, पार्टी के शीर्ष पद के लिए गहलोत का नाम अभी पूरी तरह से खारिज नहीं किया गया है। समझा जाता है कि गांधी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ए के एंटनी और सुशील कुमार शिंदे को परामर्श के लिए दिल्ली बुलाया था। इस बात की भी संभावना है कि नए पर्यवेक्षक राजस्थान भेजे जा सकते हैं और शिंदे उनमें से एक हो सकते हैं। गांधी पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद मामले को सुलझाने पर विचार कर रही है।

जयपुर के घटनाक्रम के बाद, सूत्रों ने कहा कि गहलोत ने सोनिया गांधी के समक्ष अपना पक्ष रख दिया है और समझा जाता है कि उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, जबकि उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट राजस्थान पर किसी भी फैसले से पहले दिल्ली पहुंच गये हैं।

समझा जाता है कि गहलोत ने गांधी को बताया है कि विधायकों की समानांतर बैठक के पीछे वह नहीं थे और यह उनकी जानकारी के बिना बैठक आयोजित की गई थी। सूत्रों ने बताया कि समझा जाता है कि गहलोत ने गांधी को बताया कि वह उनके और पार्टी के किसी भी फैसले का पालन करेंगे।

गहलोत ने मंगलवार को जयपुर में पार्टी विधायकों के साथ बंद कमरे में बैठक की थी और समझा जाता है कि उन्होंने उन्हें ताजा घटनाक्रम से अवगत कराया।

गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पसंदीदा माना जाता था और उन्हें सोनिया गांधी का आशीर्वाद प्राप्त था। ताजा घटनाक्रम ने पार्टी के शीर्ष पद के लिए उनकी संभावनाओं को धूमिल कर दिया है, हालांकि वह अभी तक दौड़ से बाहर नहीं हुए हैं। गहलोत के भाग्य पर संशय के बीच, पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने मंगलवार को कहा था कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल ने नामांकन पत्र एकत्र कर लिया है, लेकिन वे (नामांकन पत्र) किसी और के लिए हो सकते हैं। बंसल ने कहा कि वह दौड़ में नहीं हैं।

मिस्त्री ने कहा कि शशि थरूर 30 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे और उनके प्रतिनिधि को आज दो और नामांकन फॉर्म मिले हैं। मिस्त्री ने कहा कि उन्होंने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से उनके 10 जनपथ आवास पर मुलाकात की और पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए उन्हें क्यूआर-कोडेड पहचान पत्र सौंपा। बाद में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की और उन्हें पहचान पत्र सौंपा।

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