देश की खबरें | गहलोत ने ईआरसीपी परियोजना पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर साधा निशाना
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जयपुर/बीकानेर, 10 अप्रैल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने को लेकर केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर उनमें प्रधानमंत्री को इसके लिये मनाने की क्षमता नहीं हैं, तो वह किस बात के मंत्री हैं।
गहलोत ने कहा, ‘‘ हमारे केंद्रीय मंत्री जो जोधपुर के हैं उनसे पूछो.. तुम काईकें केन्द्रीय मंत्री हो.. केन्द्रीय मंत्री वो भी जलसंसाधन मंत्रालय के मंत्री उसके बाद में यह दुर्गति है। उनको आगे आकर राजस्थान की मदद करनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि ईर्स्टन नहर (ईआरसीपी) की परियोजना को लेकर वह (शेखावत) बड़ी- बड़ी बहादुरियां हांक रहे थे कि इस्तीफा दे देंगे। गहलोत के मुताबिक अब प्रधानमंत्री का कहा हुआ पूरा वीडियो सामने आ गया है, तो फैसला उनको करना है।
उल्लेखनीय है कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने को लेकर शुक्रवार को शेखावत व राज्य के जलदाय मंत्री महेश जोशी आमने सामने आ गए। यहां एक कार्यक्रम में जब जोशी ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की प्रधानमंत्री मोदी के वादे की याद दिलाई तो शेखावत ने उन्हें टोकते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने कभी भी इस संबंध में कोई वादा नहीं किया था।
शेखावत ने यहां तक कहा था कि,‘‘अगर प्रधानमंत्री ने अजमेर की तत्कालीन जनसभा में एक भी शब्द बोला हो तो या तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा या आप और आपके मुख्यमंत्री छोड़ दें।’’
गहलोत ने शुक्रवार को सात जुलाई 2018 को जयपुर की रैली में और छह अक्टूबर 2018 को अजमेर रैली में प्रधानमंत्री के भाषण में ईआरसीपी से संबंधित वक्तव्य को जारी किया जिसमें वो इस परियोजना का जिक्र कर रहे हैं।
गहलोत ने बीकानेर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मान लो प्रधानमंत्री ने नहीं भी कहा है, तो क्या 25 सांसद देने वाले प्रदेशवासी केन्द्र से यह उम्मीद नहीं कर सकते कि कम से कम एक परियोजना को तो राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवायें।
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर ध्रुवीकरण करने का निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ध्रुवीकरण की राजनीति करती है। उनके पास किसी तरह की उपलब्धि नहीं है, और ना ही उनके पास कोई मुद्दा है। उन्होंने कहा कि ये लोग (भाजपा) देश को लूट रहे हैं।
गहलोत ने कहा कि पहले यूपीए सरकार में तेल कंपनियों को सब्सिडी देकर दरों को नियंत्रित किया जाता था, लेकिन अब केन्द्र इन कंपनियों को सब्सिडी देने की बजाय हर रोज दाम बढ़ाकर जनता पर बोझ बढ़ा रही है।
उन्होने कहा कि केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने तो कांग्रेस पार्टी में फूट डालने और तोड़ने के साथ सरकार गिराने का काम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मिलकर किया है।
गहलोत ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह की ओर से उनके ओएसडी लोकेश शर्मा पर दिल्ली में केस दर्ज कराया गया, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने आज तक आवाज का नमूना देने से भाग रहे हैं। उन्होने कहा कि जो आदमी सरकार गिराने में मुख्य भूमिका में था वह प्रदेश में भाजपा की और से मुख्मयंत्री बनने की कतार में है। जबकि इन्होंने अन्य लोगों के साथ मिलकर संजीवनी क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी में बड़ा घपला किया है।
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