नयी दिल्ली, सात अप्रैल गतिशक्ति और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं से वैश्विक चुनौतियों के प्रभाव से निपटने में मदद मिलेगी। इससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था उच्च गति से वृद्धि दर्ज करेगी।
वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा के अनुसार भू-राजनीतिक संघर्ष और उसका खाद्य पदार्थों, उर्वरक और कच्चे तेल के दाम में तेजी से वैश्विक स्तर पर वृद्धि की संभावनाएं धुंधली हुई हैं।
इसमें आगे कहा गया कि भारत पर भी इसका असर हो सकता है। हालांकि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वित्त वर्ष में ऊर्जा और खाद्य बाजारों में तेजी कब तक बनी रहती है और भारतीय अर्थव्यवस्था इस प्रभाव को कम करने के लिए कितनी मजबूत है।
रिपोर्ट में कहा गया कि क्षणिक झटकों से वास्तविक वृद्धि और मुद्रास्फीति पर बड़ा प्रभाव नहीं होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘इन संभावित प्रतिकूलताओं को दूर करते हुए गतिशक्ति और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएं (पीएलआई) निवेश को बढ़ावा देंगी, जो पिछले कुछ साल में किए गए संरचनात्मक सुधारों से मजबूत हुई आपूर्ति श्रृंखलाओं के साथ मिलकर भारतीय अर्थव्यवस्था की उच्च वृद्धि सुनिश्चित करेगा।’’
रिपोर्ट में कहा गया कि श्रम बल की भागीदारी में सुधार, बेरोजगारी दर में गिरावट और गरीबों को लगातार सहायता देने की सरकार की प्रतिबद्धता के कारण आगे वृद्धि के अधिक समावेशी रहने की संभावना है।
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