नयी दिल्ली, 26 अगस्त सार्वजनिक क्षेत्र की गेल (इंडिया) लिमिटेड के चेयरमैन मनोज जैन ने शुक्रवार को कहा कि देश की सबसे बड़ी गैस कंपनी ने 2040 तक अपने परिचालन में शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य तय किया है।
गेल ने शुद्ध रूप से शून्य उत्सर्जन के लिए जो समयसीमा तय की है, वह सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य कंपनियों की तय समयसीमा से काफी पहले है।
चीन, अमेरिका और यूरोपीय संघ के बाद भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जक है। देश ने 2070 तक अपने उत्सर्जन को शुद्ध रूप से शून्य के स्तर पर लाने की प्रतिबद्धता जताई है।
जैन ने कंपनी के शेयरधारकों की वार्षिक बैठक में कहा, ‘‘गेल नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में विविधता लाकर अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने की भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप, गेल ने इसके लिए विज्ञान आधारित एक व्यापक अध्ययन किया है। इसके तहत 2040 तक स्कोप-1 और स्कोप-2 उत्सर्जन में 100 प्रतिशत और स्कोप-3 उत्सर्जन में 35 प्रतिशत की कमी की जाएगी।’’
स्कोप 1, 2 और 3 एक कंपनी का अपने स्वयं के संचालन में और अपनी व्यापक मूल्य श्रृंखला में विभिन्न प्रकार के कार्बन उत्सर्जन को वर्गीकृत करने का एक तरीका है।
उल्लेखनीय है कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओ) ने बृहस्पतिवार को 2046 तक अपने परिचालन में कार्बन तटस्थता हासिल करने के लिए दो लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की।
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