नयी दिल्ली, 15 फरवरी ‘जी-20’ के शेरपा अमिताभ कांत ने बुधवार को कहा कि जब दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है तो ऐसे समय भारत का 20 प्रमुख देशों के समूह की अध्यक्षता ग्रहण करना एक महत्वपूर्ण क्षण है तथा देश के लिए यह मौका भी है कि वह समावेशी और सतत विकास को लेकर एजेंडा तय करे।
कांत यहां यहां ‘हिंदू कॉलेज’ में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध, आर्थिक सुस्ती और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा है कि भारत को दूसरी देशों द्वारा तय किए गए एजेंडे पर प्रतिक्रिया देने की बजाय दुनिया के लिए खुद एजेंडा तय करने का अवसर मिल रहा है।
‘जी 20’ के महत्व का उल्लेख करते हुए कांत ने कहा, ‘‘इस समूह के देशों की विश्व की कुल जीडीपी में 85 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार में 78 प्रतिशत की हिस्सेदारी है...इन देशों में दुनिया की दो तिहाई आबादी भी बसती है।’’
भारत ने पिछले साल एक दिसंबर को ‘जी 20’ की अध्यक्षता संभाली थी। भारत में 55 स्थानों पर 200 से अधिक बैठकें होंगी। इनमें से कई बैठकें दिल्ली में भी होंगी।
कांत ने कहा कि ‘जी 20’ की अध्यक्षता भारत को ऐसे समय मिली है जब दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया में भूराजनीतिक चुनौतियां हैं और पिछले एक साल से युद्ध चल रहा है जिसका यूरोप पर खाद्य, ईंधन और उर्वरक के संदर्भ में व्यापक असर पड़ा है।’’
कांत ने कहा कि भारत के पास यह मौका है कि वह समावेशी और सतत विकास के लिए एजेंडा तय करे।
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