देश की खबरें | सीए व वाणिज्य स्नातकों के जरिए धोखाधड़ी करने वाले नेटवर्क का भंडाफोड़
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. महाराष्ट्र पुलिस ने 155 करोड़ रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी की जांच के तहत एक विस्तृत नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसमें कथित तौर पर चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) और वाणिज्य स्नातक शामिल हैं। यह नेटवर्क नागपुर के एक व्यवसायी और फर्जी कंपनियों के माध्यम से काले धन और हवाला लेनदेन करने वाले अन्य लोगों द्वारा मिलकर चलाया जा रहा था।
नागपुर, 21 मई महाराष्ट्र पुलिस ने 155 करोड़ रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी की जांच के तहत एक विस्तृत नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसमें कथित तौर पर चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) और वाणिज्य स्नातक शामिल हैं। यह नेटवर्क नागपुर के एक व्यवसायी और फर्जी कंपनियों के माध्यम से काले धन और हवाला लेनदेन करने वाले अन्य लोगों द्वारा मिलकर चलाया जा रहा था।
इस संबंध में एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि मुख्य आरोपी संतोष उर्फ बंटी रामपाल शाहू को गिरफ्तार किया गया है।
इससे पहले पुलिस ने मंगलवार को स्माल फैक्टरी इलाके में स्थित उसकी व्यावसायिक इकाई-सह-कार्यालय पर छापा मारा था।
इसके साथ ही धोखाधड़ी के सिलसिले में अब तक गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की संख्या पांच हो गई है।
पुलिस ने बैंक पासबुक, निवेश रिकॉर्ड और जाली कंपनी के कागजात समेत कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनसे घोटाले के बड़े पैमाने का पता चला है।
अपराध शाखा के अधिकारियों ने बताया कि शाहू और उसके परिवार के आठ बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं और फॉरेंसिक ऑडिट किया जा रहा है।
शुरुआती जांच से पता चला है कि शाहू ने धोखाधड़ी की गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट और वाणिज्य स्नातकों की 15 सदस्यीय टीम के साथ एक विस्तृत नेटवर्क बनाया था।
अधिकारियों ने बताया कि उसका कार्यालय व्यवसायियों, ऑनलाइन गेम खेलने वालों और हवाला संचालकों के लिए केंद्र के रूप में कार्य करता था, जो फर्जी बिलिंग और फर्जी कंपनियों का उपयोग करके बेहिसाबी नकदी को वैध धन में बदलने की कोशिश करते थे।
प्रथम दृष्टया दो कंपियों पर क्रमशः 113 और 57 फर्जी कंपनियों के लिए संदिग्ध लेनदेन करने का आरोप पाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इन कंपनियों के माध्यम से भेजे गए पैसे को कथित तौर पर हवाला के जरिए से भेजा गया, जिसमें एक बड़े वित्तीय गिरोह के शामिल होने का संदेह है।
आगे की जांच में अब तीन और फर्जी कंपनियों का पता चला है, जो कथित तौर पर अनजान व्यक्तियों के नाम पर पंजीकृत थीं, जिनकी पहचान का दुरुपयोग किया गया।
पुलिस ने पहले बताया था कि कम से कम दो व्यक्तियों ने आगे आकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें दावा किया गया था कि धोखेबाजों ने उनकी वास्तविक पहचान का दुरुपयोग करके 160 करोड़ रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी की है।
अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान बंटी शाहू (52), जयेश रामपाल शाहू (36), बृजकिशोर राम विलास मनियार (59), ऋषि हितेश लखानी (21) और आनंद विनोद हरदे (33) के रूप में हुई है।
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