जरुरी जानकारी | एफपीआई की निकासी लगातार नौवें महीने जारी, जून में शेयरों से 50,203 करोड़ रुपये निकाले
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला जून में लगातार नौवें महीने जारी रहा। जून में एफपीआई ने शुद्ध रूप से 50,203 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। यह पिछले दो साल का निकासी का सबसे ऊंचा स्तर है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक के आक्रामक रुख, ऊंची मुद्रास्फीति तथा घरेलू शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन की वजह से एफपीआई लगातार बिकवाल बने हुए हैं।
नयी दिल्ली, तीन जुलाई विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला जून में लगातार नौवें महीने जारी रहा। जून में एफपीआई ने शुद्ध रूप से 50,203 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। यह पिछले दो साल का निकासी का सबसे ऊंचा स्तर है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक के आक्रामक रुख, ऊंची मुद्रास्फीति तथा घरेलू शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन की वजह से एफपीआई लगातार बिकवाल बने हुए हैं।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, 2022 के पहले छह माह में एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों से 2.2 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। यह उनकी निकासी का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इससे पहले 2008 के पूरे साल में एफपीआई ने शेयर बाजारों से 52,987 करोड़ रुपये निकाले थे।
विश्लेषकों ने आगाह किया है कि अभी एफपीआई की निकासी जारी रह सकती है।
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘आगे चलकर हमारा मानना है कि मुद्रास्फीति से एफपीआई का रुख तय होगा। इसके अलावा बॉन्ड और शेयरों पर प्राप्ति का अंतर भी लगातार कम रहा है। इससे भी एफपीआई निकासी कर रहे हैं।’’
आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने जून में शेयरों से शुद्ध रूप से 50,203 करोड़ रुपये निकाले। यह मार्च, 2020 के बाद उनकी निकासी का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। उस समय एफपीआई ने भारतीय शेयरों से 61,973 करोड़ रुपये निकाले थे।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि, ऊंची मुद्रास्फीति तथा शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन की वजह से एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाल बने हुए हैं।’’
श्रीवास्तव ने कहा कि भारत को लेकर व्यापक रुझान नकारात्मक बना हुआ है, जिसकी वजह से घरेलू शेयर बाजारों को लेकर एफपीआई का रुख सतर्कता वाला बना हुआ है।
जून में अन्य उभरते बाजारों मसलन इंडोनेशिया, फिलिपीन, दक्षिण कोरिया,ताइवान और थाइलैंड में भी एफपीआई बिकवाल बने रहे।
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