Nepal: पूर्व राष्ट्रपति भंडारी ने कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को देश का अभिन्न हिस्सा बताया
पूर्व राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी (Photo Credit: Twitter)

काठमांडू, 13 मई: नेपाल की पूर्व राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने शनिवार को एक बार फिर कहा कि कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा नेपाल का अभिन्न अंग हैं और इसे लेकर भारत के साथ जो भी विवाद है, उसे कूटनीतिक तरीके से सुलझाया जाना चाहिए. भंडारी ने 'नेपाली टेरेटरी लिम्पियुधुरा' नामक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर यह बात कही. यह पुस्तक अच्युत गौतम और सुरेंद्र के.सी ने लिखी है. यह भी पढ़ें: Pakistan: सैन्य प्रतिष्ठान की दखलंदाजी पर इमरान खान ने जताई नाराजगी

उन्होंने कहा कि मित्र देशों से नेपाल के राष्ट्रीय हित और सुरक्षा में पारस्परिकता की अपेक्षा करना स्वाभाविक है. भंडारी ने कहा, ‘‘ कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा नेपाल के अभिन्न अंग हैं. नेपाल को कूटनीति के जरिए भारत के साथ सीमा विवाद का यह मसला सुलझाना चाहिए. ’’

गौरतलब है कि नेपाल समय-समय पर इन तीनों क्षेत्रों को अपना हिस्सा बताकर यह मामला उठाता रहा है. काठमांडू में भारतीय दूतावास ने पहले कहा है कि नेपाल के साथ अपने सीमा मुद्दे पर भारत की स्थिति “सुविदित, सुसंगत और स्पष्ट है. इसकी सूचना नेपाल सरकार को दे दी गई है”.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)