
अबू धाबी, 11 जून विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अंतरराष्ट्रीय सहयोग राज्य मंत्री रीम अल हाशिम से मुलाकात की और व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी का विस्तार करने के तौर तरीकों पर चर्चा की।
अबू धाबी स्थित भारतीय दूतावास ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि मंगलवार को हुई बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी के संपूर्ण पहलुओं की भी समीक्षा की।
विज्ञप्ति के मुताबिक दोनों पक्षों की ‘‘चर्चा व्यापार, निवेश, ऊर्जा, संस्कृति, रक्षा, प्रौद्योगिकी, वाणिज्य दूतावास मामलों सहित विभिन्न क्षेत्रों में बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी के दायरे को विस्तारित करने पर केंद्रित थी।’’
इसमें कहा गया कि दोनों पक्षों ने आपसी हितों को बढ़ावा देने के लिए बहुपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की।
विज्ञप्ति में कहा गया कि मिसरी ने पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद यूएई नेतृत्व द्वारा दिए गए समर्थन और एकजुटता की सराहना की।
मिसरी ने मंगलवार को सहिष्णुता एवं सह-अस्तित्व मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान से मुलाकात की और 43 लाख भारतीयों की देखभाल के लिए उनका धन्यवाद किया, जिन्होंने यूईए को अपना दूसरा घर बना लिया है।
उन्होंने यूईए राष्ट्रीय परिषद के सदस्य और परिषद में रक्षा मामलों, आंतरिक और विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष तथा अबू धाबी स्थित चरमपंथ और हिंसक चरमपंथ का मुकाबला करने के लिए उत्कृष्टता के अंतरराष्ट्रीय केंद्र - हेदयाह के अंतरराष्ट्रीय संचालन बोर्ड के अध्यक्ष अली राशिद अल नूमी के साथ एक ‘‘सार्थक बैठक’’ भी की।
विज्ञप्ति के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच बातचीत ने आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ने के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को दोहराने का एक और अवसर प्रदान किया।
इसमें कहा गया है, ‘‘विदेश सचिव की यूएई यात्रा दोनों पक्षों के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान के क्रम में हुई है, जो दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी के गहरा होने को दर्शाता है।’’
मिसरी की यह यात्रा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत सरकार द्वारा वैश्विक संपर्क स्थापित करने के प्रयासों के तहत भेजे गए सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के हालिया यूएई दौरे के बाद हुई है।
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
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