देश की खबरें | बड़े पैमाने पर प्लास्टिक उत्पादन को बढ़ावा दे रही हैं एफएमसीजी कंपनियां: ग्रीनपीस

नयी दिल्ली, 14 सितंबर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने पर जोर देने के बीच, ग्रीनपीस की एक नयी रिपोर्ट में पाया गया है कि बड़ी एफएमसीजी कंपनियां प्लास्टिक उत्पादन को बढ़ावा दे रही हैं, जिससे भारत सहित दुनिया भर में वैश्विक जलवायु, समुदायों और पारिस्थितिकी तंत्र को खतरा है।

ग्रीनपीस यूएसए द्वारा मंगलवार को जारी एक पोर्ट में दावा किया गया है कि फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनियां (एफएमसीजी) एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक पैकेजिंग को प्रतिबंधित करने वाले कानून का विरोध करने के लिए दुनिया भर में जीवाश्म ईंधन उद्योग के साथ मिलकर काम कर रही हैं।

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि उन्होंने मिलकर 'रासायनिक या उन्नत पुनर्चक्रण' जैसे गलत समाधानों की वकालत की।

रिपोर्ट में दावा किया गया है, "एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक पैकेजिंग के कुछ सबसे बड़े खरीदारों के रूप में कोका-कोला, नेस्ले और पेप्सिको जैसी बड़ी फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनियां (एफएमसीजी) प्लास्टिक उत्पादन के विस्तार को बढ़ावा दे रही हैं। यह विस्तार वैश्विक जलवायु के साथ-साथ दुनिया भर के समुदायों और पारिस्थितिकी तंत्रों के लिए खतरा है।”

यह रिपोर्ट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत सरकार ने 2022 तक एकल उपयोग वाली प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का संकल्प लिया है।

रिपोर्ट में कहा गया, "हम एफएमसीजी कंपनियों और तेल और गैस उद्योग के बीच व्यापार लिंक और संयुक्त लॉबिंग प्रयासों का पर्दाफाश करते हैं, और प्लास्टिक उत्सर्जन रिपोर्टिंग में पारदर्शिता की कमी और एकल-उपयोग प्लास्टिक पैकेजिंग के उपयोग को कम करने में उनकी विफलता को उजागर करते हैं।"

रिपोर्ट में कहा गया है, "इसके अलावा, हम इन कंपनियों से एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक को हटाकर और पुन: उपयोग प्रणालियों और पैकेज-मुक्त उत्पादों को बढ़ावा देकर जलवायु परिवर्तन और प्लास्टिक प्रदूषण संकट को रोकने का आग्रह करते हैं।"

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