नोएडा, 25 मई अवैध रूप से गुर्दा प्रतिरोपण के नाम पर एक मरीज के भाई से कथित रूप से आठ लाख रुपए ठगने को लेकर पुलिस ने एक डॉक्टर सहित दो लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। आरोपी फरार हैं और उनकी तलाश की जा रही है। यह जानकारी एक पुलिस अधिकारी ने दी।
अपर पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) रणविजय सिंह ने मंगलवार को बताया कि थाना सेक्टर 20 में अहमद खान ने इस संबंध में एक रिपोर्ट दर्ज कराई है।
उन्होंने शिकायत के हवाले से बताया कि वर्ष 2019 में अहमद खान के भाई सफीक अहमद (52 वर्ष) की किडनी (गुर्दा) खराब हो गई थी। उन्होंने बताया कि सफीक का उपचार गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में चल रहा था। वहां पर डॉक्टरों ने उनके स्वास्थ्य का परीक्षण करने के बाद मरीज के परिजनों से कहा कि उनके गुर्दा का प्रतिरोपण करना होगा। उन्होंने बताया कि उसके बाद शफीक के परिजन ने उन्हें एम्स में भर्ती कराया। एम्स के डॉक्टरों ने भी गुर्दा प्रतिरोपण की बात कही।
अपर उपायुक्त ने शिकायत के हवाले से बताया कि अहमद खान गुर्दा प्रतिरोपण के लिए लोगों से से बातचीत कर रहे थे। इसी बीच उनके पड़ोस में रहने वाले अब्दुल गफ्फार नाम के व्यक्ति ने उनसे कहा कि नोएडा के सेक्टर-19 में रहने वाले दिल्ली के एक बड़े सरकारी अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर बुलंद अख्तर किडनी का इंतजाम करा देंगे।
अपर उपायुक्त ने बताया कि आमिर खान अब्दुल गफ्फार के साथ नोएडा के सेक्टर 19 में रहने वाले डॉक्टर बुलंद अख्तर से मिला। अख्तर ने उससे गुर्दा का इंतजाम करने के लिये 10 लाख रुपए की व्यवस्था करने को कहा।
शिकायत के हवाले से उन्होंने बताया कि मोलभाव के बाद सौदा आठ लाख रुपए में तय हुआ। उन्होंने बताया कि अहमद खान ने नगद तथा बैंक अकाउंट के माध्यम से अब्दुल गफार तथा डॉक्टर बुलंद अख्तर को आठ लाख रुपए दिये। उन्होंने बताया कि दोनों ने किडनी की व्यवस्था नहीं करवाई और 15 जनवरी को अहमद खान के भाई सफीक अहमद की मौत हो गई। इसके बाद आमिर खान ने दोनों आरोपियों से रुपये की मांग की, तो दोनों ने धन नहीं लौटाए।
उन्होंने बताया कि पीड़ित का आरोप है कि ये लोग अवैध रूप से गुर्दा प्रतिरोपण कराने के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच के लिए एक स्पेशल टीम बनाई गई है। जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले भी नोएडा में अवैध रूप से गुर्दा प्रतिरोपण के कई मामले प्रकाश में आ चुके है। हाल ही में थाना फेज-3 पुलिस ने बांग्लादेश से लोगों को भारत में लाकर अवैध रूप से गुर्दा प्रतिरोपण कराने का खुलासा किया था। इस मामले में भी बांग्लादेश तथा बिहार के कुछ लोग गिरफ्तार हुए थे।
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