जरुरी जानकारी | सरकारी बैंकों में मुख्य महाप्रबंधकों के पद बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा वित्त मंत्रालय

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के बढ़ते कारोबार और लाभप्रदता को देखते हुए उनमें मुख्य महाप्रबंधकों के पदों को बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।

नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के बढ़ते कारोबार और लाभप्रदता को देखते हुए उनमें मुख्य महाप्रबंधकों के पदों को बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।

मौजूदा सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, पीएसबी में चार महाप्रबंधकों के लिए एक मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) हो सकता है।

सूत्रों ने बताया कि ये दिशानिर्देश 2019 में जारी किए गए थे और तब से कोविड-19 महामारी के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

सूत्रों ने बताया कि पीएसबी के कारोबार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और इससे उन्होंने रिकॉर्ड लाभ दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा वृद्धि के अगले स्तर को प्राप्त करने के लिए सीजीएम पदों की समीक्षा कर रहा है।

सूत्रों ने बताया कि दिशा-निर्देशों में ढील देने का फैसला गहन जांच और उनके कारोबार को आगे बढ़ाने की जरूरत पर विचार करने के बाद लिया जाएगा। सीजीएम पद 2019 में 10 राष्ट्रीयकृत बैंकों के चार बड़े बैंकों में विलय के बाद बनाया गया था। सीजीएम महाप्रबंधक और कार्यकारी निदेशक के बीच एक प्रशासनिक और कार्यात्मक संपर्क के रूप में कार्य करते हैं।

इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने वित्तीय सेवा विभाग से यह भी अनुरोध किया है कि निदेशक मंडल को उनकी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार पदों की संख्या तय करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

एक राष्ट्रीयकृत बैंक के वरिष्ठ कार्यकारी ने कहा, “जीएम/ डीजीएम/ एजीएम का मौजूदा अनुपात 1:3:9 है, जो 2016 की स्थिति पर आधारित है, और बेहतर कार्यात्मक नियंत्रण के लिए इसकी समीक्षा की जानी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि इससे वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति में सुधार करने में मदद मिलेगी।

सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में लगभग चार लाख अधिकारी कार्यरत हैं।

पिछले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल मुनाफा 1.4 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया, जो एक लाख करोड़ रुपये के उच्च आधार पर पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत की वृद्धि है।

वित्त वर्ष 2022-23 में 12 सार्वजनिक बैंकों ने मिलकर 1,04,649 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\