देश की खबरें | जहरीली शराब कांड में सीधे तौर पर शामिल व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करें: अमरिंदर सिंह

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को राज्य पुलिस प्रमुख को निर्देश दिया कि जहरीली शराब कांड में सीधे तौर पर शामिल व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए। राज्य में जहरीली शराब त्रासदी में 113 व्यक्तियों की मौत हो गई है।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

चंडीगढ़, पांच अगस्त पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को राज्य पुलिस प्रमुख को निर्देश दिया कि जहरीली शराब कांड में सीधे तौर पर शामिल व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए। राज्य में जहरीली शराब त्रासदी में 113 व्यक्तियों की मौत हो गई है।

सिंह ने पीड़ितों के लिए न्याय का वादा करते हुए इस हादसे को हाल के समय की सबसे बड़ी त्रासदी करार दिया। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वह मामले में कोई भी राजनीतिक हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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सिंह ने नकली या अवैध शराब निर्माण और तस्करी के लिए आबकारी अधिनियम के तहत सजा में वृद्धि पर विचार किया ताकि यह सुनिश्वित किया जा सके कि अपराधी सलाखों के पीछे रहें और अपराध में फिर से लिप्त होने के लिए आसानी से बाहर नहीं निकल सकें।

कैबिनेट की बैठक के दौरान, कई मंत्रियों ने महाधिवक्ता अतुल नंदा के सुझाव पर सहमति व्यक्त की कि अवैध शराब तस्करी जैसे संगठित अपराध से निपटने के लिए पंजाब संगठित अपराध नियंत्रण कानून (पीसीओसीए) जैसे सख्त कानून की जरूरत है।

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मुख्यमंत्री ने मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा के नेतृत्व में गठित उप समिति को प्रस्तावित कानून के प्रावधानों की जांच पड़ताल करने, अंतिम रूप देने और इसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत करने को कहा।

यहाँ एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने सुखजिंदर रंधावा और अन्य मंत्रियों के साथ इसको लेकर सहमति जतायी की कि पंजाब संगठित अपराध नियंत्रण कानून (पीसीओसीए) कट्टर अपराधियों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है और उन अपराधियों को हतोत्साहित करने का काम कर सकता है, जो जेल में भी रहकर संगठित अपराध संचालित करते हैं और उनके आतंकवादियों के साथ भी करीबी संबंध होते हैं।

जहरीली शराब को लेकर मुख्यमंत्री के ये निर्देश दो अलग-अलग वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान आए। एक कैबिनेट मीटिंग और दूसरा शीर्ष पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मामले की समीक्षा बैठक के दौरान।

अमरिंदर सिंह ने अपनी मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए त्रासदी के पीड़ितों को श्रद्धांजलि के तौर पर कुछ पल का मौन रखा।

मुख्यमंत्री ने इससे पहले पुलिस और जिला अधिकारियों के साथ एक समीक्षा वीडियो सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘इस अवैध व्यवसाय को समाप्त करें, इसे रोकना होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लाहन (शराब बनाने के लिए कच्चा माल) का उपयोग लंबे समय से सीमावर्ती क्षेत्रों में चल रहा है। लेकिन अब पड़ोसी राज्यों से तस्करी से यह और बढ़ गया है।’’

अवैध और नकली शराब और मादक पदार्थ को लेकर अपनी सरकार की बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति को दोहराते हुए, उन्होंने पुलिस से कहा कि इस खतरे को पूरे पंजाब से मिटाने के लिए वह संबंधित आबकारी और अन्य विभागों के साथ निकटता से समन्वय करें। उन्होंने कहा कि वह इस नकली शराब या तस्करी की शराब के पूरे व्यापार पर रोक चाहते हैं।

मुख्यमंत्री त्रासदी में जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए दो दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि की पहले ही घोषणा कर चुके हैं।

पुलिस महानिरीक्षक एस पी एस परमार ने कहा कि मामले आईपीसी की धारा 304 के तहत और आबकारी कानून के तहत दर्ज किये गए हैं। अपराधियों की पहचान करने के लिए सभी सीमांत क्षेत्रों में समन्वित अभियान शुरू किया गया है।

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