देश की खबरें | मणिपुर में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की दोषपूर्ण राजनीति जातीय संघर्ष की वजह: हिमंत विश्व शर्मा

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गुवाहाटी, 23 जुलाई असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने आरोप लगाया है कि मणिपुर में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की दोषपूर्ण राजनीति के चलते जातीय संघर्ष हुआ।

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस अब मणिपुर में अपने हितों को ध्यान में रखते हुए छल-कपट कर रही है, जबकि राज्य और केंद्र में उसकी सरकार रहने के दौरान उसके नेताओं के मुंह से “एक शब्द तक नहीं निकलता था।”

शर्मा ने शनिवार को इस संबंध में सिलसिलेवार ट्वीट किए।

उन्होंने ट्वीट में कहा, “मणिपुर में बहु-जातीय संघर्षों के कारण जो पीड़ा देखने को मिल रही है उसकी वजह राज्य के प्रारंभिक वर्षों के दौरान कांग्रेस सरकारों की दोषपूर्ण नीतियां हैं। सात दशक के कुशासन से पैदा हुई गड़बड़ियों को ठीक करने में समय लगेगा।”

उन्होंने दावा किया कि 2014 के बाद से, "मणिपुर के सामाजिक ताने-बाने में जबरदस्त सुधार" हुआ है और “माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में दशकों पुराने जातीय संघर्षों को हल करने की प्रक्रिया समग्रता से पूरी की जाएगी।”

शर्मा ने कहा, “कांग्रेस अचानक मणिपुर में अत्यधिक रुचि दिखा रही है। थोड़ा पीछे जाकर राज्य में इसी तरह के संकटों पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की प्रतिक्रिया को देखना महत्वपूर्ण है।”

उन्होंने दावा किया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के कार्यकाल के दौरान मणिपुर "नाकाबंदी की राजधानी" बन गया था, और 2010-2017 के बीच, जब राज्य में कांग्रेस का शासन था, हर साल 30 दिन से लेकर 139 दिन तक नाकाबंदी की जाती थी।

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