लखनऊ, 19 जुलाई : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से आह्वन करते हुए शुक्रवार को कहा कि वे अपने खेत के एक हिस्से पर प्राकृतिक खेती करें और शुरुआती दो सालों के लिए सरकार उन्हें सब्सिडी देगी. चौहान ने राजधानी लखनऊ में ‘‘प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम’’ को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के ‘‘धरती मां को रसायनों से बचाने’’ के सपने को पूरा करते हुए हम पूरी कोशिश करेंगे कि आने वाले समय में किसान रसायन मुक्त खेती की तरफ बढ़ें ताकि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ्य रहे. उन्होंने अपील करते हुए कहा, ‘‘किसान अपने खेत के एक हिस्से पर प्राकृतिक खेती करें. शुरुआती दो सालों में जब वे प्राकृतिक खेती करेंगे तो पैदावार कम होगी इसके लिए सरकार उन्हें सब्सिडी देगी.’’
चौहान ने कहा कि प्राकृतिक खेती से उगाए हुए अनाजों, फलों और सब्जियों की बिक्री से किसानों को डेढ़ गुना ज्यादा दाम मिलेंगे. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में अध्ययन के लिए देश के कृषि विश्वविद्यालयों में प्रयोगशालाएं स्थापित किया जाएंगी. कृषि मंत्री ने कहा कि देश के एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूक किया जाएगा ताकि वे देश के हर कोने में जाकर इसका प्रचार कर सकें. गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अपने संबोधन में कहा कि प्राकृतिक खेती और जैविक खेती दो अलग-अलग चीजें हैं और इस अंतर को समझना जरूरी है. यह भी पढ़ें :उप्र : नोएडा की एक फैक्ट्री में एसी खराब होने से लगी आग, कोई हताहत नही
उन्होंने प्राकृतिक खेती के फायदों पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘‘इसमें पानी की कम जरूरत होती है और यह किसानों के लिए काफी फायदेमंद है. यह अच्छी बात है कि अब सरकार प्राकृतिक खेती के महत्व को समझ गई है.’’ इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे.