नयी दिल्ली, 20 फरवरी कांग्रेस ने एक समिति गठित करने संबंधी सरकार के प्रस्ताव को किसान संगठनों द्वारा खारिज किए जाने के बाद मंगलवार को दावा किया कि सरकार की नीयत साफ नहीं है, इसलिए इस ‘झूठे प्रस्ताव’ को ठुकराया गया है।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी मिलने से देश का किसान बजट पर बोझ नहीं, बल्कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि का सूत्रधार बनेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि यह झूठ बोला जा रहा है कि बजट के मद्देनजर एमएसपी की कानूनी गारंटी दे पाना संभव नहीं है।
कांग्रेस का यह बयान “दिल्ली चलो” आंदोलन में भाग लेने वाले किसान नेताओं द्वारा पांच साल के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा एमएसपी पर दालों, मक्का और कपास की खरीद के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज करने के एक दिन बाद आया है। किसान नेताओं ने कहा था कि केंद्र का प्रस्ताव किसानों के पक्ष में नहीं है।
गत रविवार को किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत में तीन केंद्रीय मंत्रियों की एक समिति ने प्रस्ताव दिया था कि किसानों के साथ समझौता करने के बाद सरकारी एजेंसियां पांच साल तक दालें, मक्का और कपास एमएसपी पर खरीदेंगी।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘एक तरफ, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के आंदोलनरत किसानों को देशद्रोही, नक्सलवादी और ख़ालिस्तानी कहने की पूरी छूट (या हिदायत?) दी जा रही है। दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर सिर्फ़ किसानों, मज़दूरों और आदिवासियों का पक्ष रखने वाले हैंडल्स/ अकाउंट्स सरकार द्वारा ब्लॉक करवाए जा रहे हैं। भाजपा कहती है वह किसानों से बातचीत करना चाहती है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘किसानों ने मोदी सरकार की चालाकी को समझ लिया है। उनकी नियत साफ़ नहीं है इसलिए उनके एक और झूठे ऑफर को ठुकरा दिया है। कई देशों में इस समय किसान आंदोलन चल रहे हैं। लेकिन अभी तक किसी भी निर्वाचित सरकार ने लोकतंत्र का इस तरह गला नहीं घोंटा है।’’
रमेश ने कहा, ‘‘किसानों के साथ हो रहे अन्याय का जल्द ही अंत होगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी और राहुल गांधी ने सत्ता में आने पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार एमएसपी की जो गारंटी दी है उसे लागू करने के लिए कांग्रेस पार्टी प्रतिबद्ध है। साथ ही साथ किसानों को न्याय का हक़ दिलाने के लिए हम क़र्ज़ माफी समेत अन्य ज़रूरी कदम भी उठाएंगे।’’
हक
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