यूट्यूब पर नितिन गडकरी के वीडियो का इंतजार करते हैं प्रशंसक, लाखों रूपये में होती है कमाई

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के एक सहायक ने बताया कि केंद्रीय मंत्री को यूट्यूब से रॉयल्टी के रूप में पर्याप्त धनराशि मिलती है क्योंकि उनके फॉलोअर्स बहुत ज्यादा है जो हमेशा विभिन्न मुद्दों पर उनकी बेबाक राय के लिए नए वीडियो का इंतजार करते रहते हैं.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Photo Credits: PTI)

नागपुर, 19 सितंबर : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के एक सहायक ने बताया कि केंद्रीय मंत्री को यूट्यूब से रॉयल्टी के रूप में पर्याप्त धनराशि मिलती है क्योंकि उनके फॉलोअर्स बहुत ज्यादा है जो हमेशा विभिन्न मुद्दों पर उनकी बेबाक राय के लिए नए वीडियो का इंतजार करते रहते हैं. दरअसल गडकरी ने शुक्रवार को कहा था कि यूट्यूब पर डाले गये उनके व्याख्यानों के वीडियो की रॉयल्टी के रूप में उन्हें हर महीने चार लाख रुपये मिलते हैं. महामारी के दौरान यूट्यूब पर डाले गये उनके वीडियो को देखने वालों की संख्या काफी बढ़ी है. इस संबंध में उनके सहायक ने कहा कि यूट्यूब से कमाई हमेशा उतनी नहीं होती जितनी मंत्री ने बतायी है लेकिन यह बड़ी मात्रा में होती है. उनके सहायक ने कहा कि गडकरी हर दिन नागपुर और दिल्ली में अपने आवासों से पांच से सात ‘वेबीनार’ को संबोधित करते हैं और उन्होंने महामारी के दौरान ऐसे करीब 1,500 डिजिटल व्याख्यान दिए.

उन्होंने बताया कि पहली बार राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगने के तुरंत बाद गडकरी ने वीडियो लिंक के जरिए विभिन्न कार्यक्रमों को संबोधित करना शुरू कर दिया था. दो अप्रैल 2020 से लेकर अब तक वह ऐसे करीब 1,500 कार्यक्रमों का हिस्सा बने जिससे वह देश और विदेश में करोड़ों लोगों तक पहुंचे. केंद्रीय मंत्री के ट्वीटर पर 92 लाख, फेसबुक पर 16 लाख, इंस्टाग्राम पर 13 लाख और यूट्यूब पर दो लाख फॉलोअर्स हैं. यूट्यूब पर डाले जाने वाले वीडियो से उन्हें मोटी कमाई में मदद मिली. गडकरी के सहायक ने बताया कि वह हर विषय पर ऑनलाइन चर्चा करते हैं. वह भोजन पकाने पर भी उतनी ही रुचि के साथ बोलते हैं जितनी कि एक्सप्रेसवे पर. खाने-पीने के शौकीन गडकरी ने कहा था कि उन्होंने महामारी के दौरान घर पर खाना पकाना शुरू किया था. यह भी पढ़ें : Char Dham Yatra 2021: केदारनाथ धाम में दर्शन के लिए अगले 12 दिनों की एडवांस बुकिंग हुई फुल

उन्होंने 2015 में यूट्यूब चैनल शुरू किया था लेकिन यह महामारी के दौरान ज्यादा सक्रिय हुआ. उनके भाषणों, संवाददाता सम्मेलनों और मीडिया से की बातचीत को हजारों दर्शकों ने देखा. उनके सहायक ने बताया कि गडकरी को महामारी के दौरान अंतरराष्ट्रीय संगठनों, विश्वविद्यालयों ने भाषण देने के लिए आमंत्रित किया था और उन सभी वीडियो को उनके यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया. नागपुर के दो पत्रकार राहुल पांडे और सरिता कौशिक ऐसे करीब 500 वेबीनार देखने के बाद ‘अनमास्किंग इंडिया’ नाम से एक किताब ला रहे हैं. उनका कहना है कि इस किताब में आत्मनिर्भर भारत पर गडकरी द्वारा रखे गए शानदार विचारों का संग्रह होगा.

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