
मुंबई, 20 जनवरी चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में एक गांव बसाए जाने की खबरों के बीव शिवसेना ने बुधवार को केन्द्र सरकार से पूर्वोत्तर राज्य में ‘‘वास्तविक जमीनी हकीकत’’ स्पष्ट करने की मांग की।
शिवसेना की प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि उन्होंने रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री को पत्र लिखकर ‘‘सार्वजिक रूप से उपलब्ध उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों के आधार पर पिछले एक साल के भीतर चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में गांव बसाए जाने के मामले पर उनका ध्यान आकर्षित किया है।’’
चतुर्वेदी ने एक बयान में कहा, ‘‘क्या सरकार पारदर्शिता बरतते हुए अरुणाचल की वास्तविक स्थिति स्पष्ट करेगी? ऐसे में जबकि हमारे सैनिक बहादुरी से इन घुसपैठ का सामना कर रहे हैं, यह देखकर दुख होता है कि केन्द्र सरकार आरोप-प्रत्यारोप के खेल में उलझी हुई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार वर्तमान और भविष्य के फैसलों को सही ठहराने के लिए कब तक अतीत पर दोष मढ़ती रहेगी।’’
खबरों का हवाला देते हुए चतुर्वेदी ने कहा कि चीन द्वारा बसाया गया नया गांव भारतीय सीमा के अंदर करीब 4.5 किलोमीटर पर स्थित है।
सांसद ने कहा, ‘‘सरकारी नक्शे के अनुसार यह भारत की जमीन है और 1959 से चीन के नियंत्रण में है। हालांकि, इससे पहले क्षेत्र में चीन की सेना की चौकियां हुआ करती थीं, लेकिन पहली बार इलाके में पूरा गांव बसाया गया है और सैन्य चौकी का आधुनिकीकरण किया गया है।’’
उन्होंने कहा कि चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में विस्तारवाद को बढ़ा रहा है लेकिन ‘‘हमारी सरकार चीन का नाम लेने से भी डर रही है।’’
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