नजीब को पहले ही मलेशियाई विकास बरहाद कोष (1एमडीबी) के सरकारी धन के गबन के मामले में दोषी ठहराया जा चुका है और पिछले सप्ताह उन्हें जेल भेज दिया गया था. उन्हें पांच में से भ्रष्टाचार के एक मामले में 12 साल की सजा सुनाई गई है. रोस्माह मंसूर को बोर्नियो द्वीप के स्कूलों को सौर ऊर्जा पैनल लगाने करने की परियोजना का काम एक कंपनी को दिलाने के लिए 2016 और 2017 के बीच 65 लाख रिंगिट रिश्वत (15 लाख अमेरिकी डॉलर) मांगने और उसे स्वीकार करने के तीन मामलों में दोषी ठहराया गया.
अदालत ने उन्हें हर एक मामले में 10-10 साल की सजा सुनाई और उन पर 97 करोड़ रिंगिट का जुर्माना भी लगाया. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी. शीर्ष अदालतों में उनकी अपील लंबित होने तक वह जमानत के लिए गुहार लगा सकती हैं. यह भी पढ़ें :उज्जैन में किराना व्यापारी की पत्नी ने बेटियों का गला घोटकर फांसी लगाई
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मोहम्मद जैनी मजलान ने कहा कि अभियोजकों ने यह साबित कर दिया है कि रोस्माह मंसूर ने रिश्वत मांगी और उसे स्वीकार भी किया था.