देश की खबरें | महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को अदालत ने छह नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेजा

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मुंबई, दो नवंबर मुंबई की एक अदालत ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को करोड़ों रुपये के धनशोधन मामले में छह नवंबर तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया।

देशमुख को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पी बी जाधव के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने अवकाश के दिन मामले पर सुनवाई की। ईडी ने धन शोधन के एक मामले में देशमुख को 12 घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद सोमवार देर रात गिरफ्तार कर लिया था। धन शोधन का यह मामला महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में कथित वसूली गिरोह से जुड़ा है।

ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता की 14 दिन की हिरासत का अनुरोध करते हुए कहा कि मामले में आगे छानबीन करने और धन के प्रवाह की जांच करने के लिए हिरासत में पूछताछ की जरूरत है।

देशमुख के वकील विक्रम चौधरी और वकील अनिकेत निकम ने हालांकि इसका विरोध किया और दलील दी कि ईडी के पास जांच करने का कोई अधिकार नहीं है। बंबई उच्च न्यायालय ने केवल केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को देशमुख के खिलाफ आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था।

चौधरी ने अदालत को बताया कि किसी ने ईडी से जांच के लिए नहीं कहा। उन्होंने अदालत को बताया कि देशमुख (71) वरिष्ठ नागरिक हैं, जिनके कंधे में दिक्कतें है और इसलिए उन्हें लगातार मदद की जरूरत है। चौधरी ने कहा, ‘‘वह (देशमुख) इस साल फरवरी में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे और हृदय रोग तथा उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं।’’

देशमुख को अदालत में पेश किए जाने से पहले जांच एजेंसी उन्हें नियमित चिकित्सा जांच के लिए यहां सरकारी जे जे अस्पताल लेकर गयी।

ईडी द्वारा सोमवार रात देशमुख को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किए जाने के बाद एजेंसी के अधिकारियों ने दावा किया था कि वरिष्ठ राकांपा नेता पूछताछ के दौरान टाल-मटोल कर रहे थे।

ईडी ने सीबीआई द्वारा 21 अप्रैल को राकांपा नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद देशमुख और उनके साथियों के विरुद्ध जांच शुरू की थी। सीबीआई ने देशमुख पर भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की थी।

ईडी का आरोप है कि देशमुख ने राज्य के गृह मंत्री रहने के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और निलंबित पुलिसकर्मी सचिन वाजे के जरिए मुंबई में विभिन्न बार और रेस्त्रां से 4.70 करोड़ रुपये से अधिक एकत्रित किए।

देशमुख ने पूर्व में इन आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि एजेंसी का पूरा मामला एक दागी पुलिस अधिकारी (वाजे) द्वारा दिए गए दुर्भावनापूर्ण बयानों पर आधारित था।

ईडी ने मामले में दो अन्य व्यक्तियों संजीव पलांदे और कुंदन शिंदे को भी गिरफ्तार किया है। अतिरिक्त जिलाधीश रैंक के अधिकारी पलांदे देशमुख के निजी सचिव के तौर पर काम कर रहे थे, जबकि शिंदे देशमुख के निजी सहायक थे।

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