यूरोपीय संघ ने टीके की आपूर्ति को लेकर अदालत से AstraZeneca पर भारी जुर्माना लगाने का अनुरोध किया

यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा ने एस्ट्राजेनेका पर कोविड-19 टीके की तय खुराकें देने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है. सत्ताइस सदस्यीय यूरोपीय संघ के साथ कंपनी एस्ट्राजेनेका ने शुरुआती दौर में टीके की 30 करोड़ खुराकों की आपूर्ति को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जो सभी सदस्यों के बीच वितरित होनी थीं

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

साथ ही कंपनी पर वादाखिलाफी के चलते भारी जुर्माना लगाने का भी अनुरोध किया. यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा ने एस्ट्राजेनेका पर कोविड-19 टीके की तय खुराकें देने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है. सत्ताइस सदस्यीय यूरोपीय संघ के साथ कंपनी एस्ट्राजेनेका ने शुरुआती दौर में टीके की 30 करोड़ खुराकों की आपूर्ति को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जो सभी सदस्यों के बीच वितरित होनी थीं.  इसके साथ ही आने वाले समय में 10 करोड़ और खुराकों का विकल्प भी रखा गया था. यह भी पढ़े: डेनमार्क ने जॉनसन एंड जॉनसन कोरोना वैक्सीन पर लगाई रोक

टीके की ये खुराक वर्ष 2021 के दौरान दी जानी थीं लेकिन पहली तिमाही में केवल तीन करोड़ खुराक ही उपलब्ध कराई गईं. यूरोपीय संघ के मुताबिक, कंपनी ने दूसरी तिमाही में केवल सात करोड़ खुराक की आपूर्ति की है जबकि उसने 18 करोड़ खुराक देने का वादा किया था. यूरोपीय संघ के वकील राफेल जाफ़राली ने अदालत से कहा कि कंपनी से अब दिसंबर के अंत तक टीके की पूरी खुराक उपलब्ध कराने की उम्मीद है लेकिन ''छह महीने की देरी के साथ, ये साफ तौर पर विफलता है. जाफराली ने कंपनी पर समझौते की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए एक करोड़ यूरो का जुर्माना लगाने का अनुरोध भी अदालत से किया.

साथ ही कहा कि अदालत एस्ट्राजेनेका को देरी के मुआवजे के तौर पर प्रति दिन हर खुराक 10 यूरो का जुर्माना देने को बाध्य करे. उन्होंने दलील दी कि समझौते की शर्त के तहत टीके की तय खुराकों की आपूर्ति के लिए एस्ट्राजेनेका को यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में स्थित इकाइयों को उत्पादन के लिए उपयोग करना चाहिए.  जाफ़राली ने कहा कि कंपनी ने समझौते का उल्लंघन करते हुए संघ को दी जाने वाली पांच करोड़ खुराकें अन्य देशों को भेज दीं जबकि इनकी आपूर्ति यूरोपीय संघ को की जानी चाहिए थी.

एक तरफ जहां संघ ने एस्ट्राजेनेका पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है, वहीं कंपनी का कहना है कि वह पूरी तरह समझौते को लेकर बाध्यकारी है। हालांकि, कंपनी का तर्क है कि टीका उत्पादन एक जटिल प्रक्रिया है और उसने समय पर टीके की खुराकों की आपूर्ति करने का प्रयास किया.  कंपनी के वकील बुधवार के बाद अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे.

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